आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। कांगेर नेशनल पार्क में पक्षी विज्ञानियों के जरिए पक्षियों की पहचान और फोटोग्राफी के तीन दिवसीय आयोजन पर सवाल उठने लगे हैं. दरअसल, विभाग जिन लोगों को विभाग विभिन्न राज्यों से पक्षी विशेषज्ञों से बुलाना बता रहा है, उनमें से कुछ लोगों को छोड़कर अधिकांश बर्डर हैं, जो केवल केवल पक्षियों की तस्वीर खींच रहे हैं. इसे भी पढ़ें : बड़ी खबर : भानुप्रतापपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी नेताम को गिरफ्तार करने पहुंची झारखंड पुलिस, दर्ज है दुष्कर्म का मामला…

बस्तर की कांगेर घाटी नेशनल पार्क में अफसर बीते 3 दिनों से पूरे इलाके में करीब 58 से अधिक पक्षी विशेषज्ञों के जरिए वेली में मिलने वाले पक्षियों की गणना और उनकी तस्वीरें उतार रहे हैं. एक तरह से कांगेर नेशनल पार्क में पक्षियों की विविधताओं तथा उनके पर्यावास से जुड़े रिकॉर्ड तैयार करने की कोशिश है.

जिले के पक्षी विशेषज्ञ बताते हैं कि इन 58 पक्षी विशेषज्ञों में से अधिकांश बर्डर हैं. पार्क प्रबंधन ने इनसे एक-एक हजार रुपए लेकर 3 दिन नेशनल पार्क घुमाने और कार्यकम में शामिल होने का सर्टिफिकेट भी देगी. आलम यह है कि स्थानीय कर्मचारी बर्ड ब्रोशर के जरिए इन बर्डर को पक्षियों की पहचान बता रहे हैं. इसे भी पढ़ें : भानुप्रतापपुर उपचुनाव : मतदान से पहले ‘जिला नहीं तो वोट नहीं’ के लगे बैनर, लोकल व्हाट्सएप ग्रुप में ट्रेंड कर रहा मुद्दा…

ऐसे ही बर्डर की मदद से कुछ सालों पहले कांगेर नेशनल पार्क का ब्रोशर तैयार किया जा चुका है. यही नहीं 2019 में स्थानीय युवाओं ने नेशनल पार्क में 311 प्रजातियों की खोज की थी, जिसका साइंटिफिक पब्लिकेशन इंटरनेशनल जर्नल आफ फावना एंड बायोलॉजिकल स्टडी में हो चुका है.

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