पवन दुर्गम,बीजापुर. छत्तीसगढ़ में सरकार बदलते ही माओवादियों के भी सुर बदल गए है. नक्सलियों के पामेड़ एरिया कमेटी ने पर्चा जारी करते हुए सरकार से पिछड़े इलाके के विकास के लिए 17 मांगें रखी है. माओवादियों ने पर्चे फेंककर सरकार से पिछड़े इलाकों का विकास करने के लिए अस्पताल, स्कूल, शिक्षकों और डॉक्टरों की नियुक्ति की मांग की है.

युक्ति युक्तकरण के तहत राज्य भर में बंद किए गए 3000 स्कूलों को पुनः चालू करने सरकार से गुहार लगाई है. स्कूल कॉलेजों में विषयवार शिक्षकों के नियुक्ति की मांग उठाई है. विनाश प्रिय नक्सलियों ने पहली बार अपने आधार इलाके में सरकार से विकास की मांग की है.

नक्सलियों ने किसानों की कर्जमाफी, समर्थन मूल्य, पुलिस कैंप को हटाना, संविदा शिक्षकों के वेतन और शिक्षकों की कमी जैसी मांगों सरकार के सामने रखी हैं. नक्सलियों के बदले इस सुर से ऐसा लग रहा है मानों नक्सली अपनी मुख्यधारा में लौटना चाह रहे है.

बीजापुर के एसपी मोहित गर्ग ने माओवादियों द्वारा विकास की मांग को एक अच्छी पहल बताते हुए कहा कि इसे दो नजरिए से देखा जा सकता है. अच्छी बात है नक्सलियों ने विकास की मांग की है लेकिन अब भी उनका तरीका गलत है. उन्होंने कहा कि अगर वे सही में विकास चाहते हैं तो आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में जुड़ें और सरकार के साथ मिलकर काम करें.