लखनऊ. कोरोना काल के दौरान आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे गए डॉक्टर, नर्स, नॉन मेडिकल साइंटिस्ट, कंप्यूटर ऑपरेटर, लैब टेक्नीशियन और लैब अटेंडेंट के लिए एक राहत की खबर आई है. चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने इन स्वास्थ्यकर्मियों के समायोजन के निर्देश जारी कर दिए हैं.

कोविड-19 महामारी के दौरान विभिन्न स्वास्थ्य पदों पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारियों की भर्ती की गई थी. इनमें डॉक्टर, नर्स, नॉन मेडिकल साइंटिस्ट, कंप्यूटर ऑपरेटर, लैब टेक्नीशियन और लैब अटेंडेंट शामिल थे. इन स्वास्थ्यकर्मियों ने महामारी के दौरान अपने जीवन की परवाह न करते हुए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हालांकि जैसे ही कोविड-19 का प्रकोप कम हुआ, इन कर्मचारियों को हटाने के आदेश जारी कर दिए गए.

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संघ के महामंत्री योगेश उपाध्याय ने बताया कि इन स्वास्थ्यकर्मियों ने समायोजन की मांग को लेकर लंबा संघर्ष किया. सरकार ने अंततः उनकी समस्याओं को समझा और समायोजन की प्रक्रिया शुरू की. मंगलवार को प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने एक पत्र जारी करते हुए इन सभी कार्मिकों के समायोजन के निर्देश दिए हैं. यह निर्णय स्वास्थ्यकर्मियों के लिए एक बड़ी राहत का संकेत है, जो महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना सेवा में लगे रहे.

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