सक्ती. आईटी विभाग (इनकम टैक्स) की कार्रवाई के 4 महीने बाद सटोरियों का भंडाफोड़ हुआ है. आईटी के अधिकारियों ने सक्ती पुलिस को मामले में शामिल 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने रिपोर्ट सौंपी है. आईटी की इस कार्रवाई के बाद सटोरियों में हड़कंप मच गया है वहीं इस कार्रवाई ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा कर दिया है, कि आखिर कैसे वर्षों से सक्ती पुलिस के नाक के नीचे ये गोरख धंधा फल फूल रहा था? आईटी विभाग के अधिकारियों ने सक्ती आकर सक्ती पुलिस को सटोरियों का कच्चा चिट्ठा तैयार कर सौंपा है. वहीं इस हाई प्रोफाइल मामले में पुलिस के अधिकारी मीडिया में कुछ भी कहने से बच रहे.

आयकर विभाग के अधिकारियो ने पुलिस को सौंपे रिपोर्ट में सट्टा से जुड़े कई अहम चीजे का उल्लेख किया है. जिसमें जिस कमरे में सट्टे का पूरा सेटअप लगा हुआ था उसको भी अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है. अधिकारी के रिपोर्ट अनुसार आयकर विभाग को अपने स्त्रोतों से यह ज्ञात हुआ कि उपरोक्त आरोपी क्रिकेट मैच के दौरान बड़े पैमाने पर सट्टे का अवैध कारोबार करते हैं. उक्त सट्टे के अवैध कारोबार की जानकारी होने पर आयकर विभाग द्वारा विभागीय दल गठित कर आरोपियों के पते पर आयकर अधिनियम की धारा 132 के तहत जांच / तलाशी और जब्ती कार्रवाई के लिए 09/11/2022 को दबिश दी गई. यह कि जांच / तलाशी और जब्ती कार्रवाई के दौरान आरोपी अरुण अग्रवाल के निवास से लगे हुए गुप्त कमरे के अंदर लाईन मशीन के माध्यम से सट्टा कारोबार संचालित किया जाना पाया गया. कार्रवाई के दौरान विभाग के द्वारा सट्टा खिलाने की 01 लाईन मशीन, 43नग मोबाईल हैण्डसेट, 04 नग कीपेड मोबाईल, 02 एल.ई.डी. टी.वी., लैपटाप पाया गया और जब्त किया गया.

आईटी के अधिकारियो ने अपनी जांच के बाद 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर करने पुलिस को रिपोर्ट सौंपी है जिसमे अरुण अग्रवाल, श्याम सुंदर अग्रवाल, मनीष दौलतानी, पवन कुमार जैन और मनोज कुमार बजाज के माध्यम से संचालित किया जाना पाया गया. मनीष और मनोज बजाज का विभाग के दल द्वारा आयकर अधिनियम की धारा 131 (1A) के तहत बयान दर्ज किया गया जिसमें दोनो के द्वारा यह स्वीकार किया गया है कि वे अरुण अग्रवाल के साथ में अवैध सट्टा कारोबार संचालित कर रहे थे. श्याम सुंदर अग्रवाल का भी विभाग के दल द्वारा आयकर अधिनियम की धारा 132 (4) के तहत बयान दर्ज किया गया. जिसमें इनके द्वारा ये स्वीकार किया गया है कि वे राहुल अग्रवाल के नियोजन में अवैध क्रिकेट सट्टा खेलते है. वहीं अमन अग्रवाल- पिता अरूण कुमार अग्रवाल से आयकर विभाग के दल द्वारा आयकर अधिनियम की धारा 131 (1A) के तहत बयान दर्ज किया गया. जिसमें अमन अग्रवाल के द्वारा यह स्वीकार किया गया है कि उनके पिता अरूण कुमार अग्रवाल के नियोजन में अवैध क्रिकेट सट्टा कारोबार का संचालन किया जाता है.

silverexch.com एप के माध्यम से चल रहा था सट्टा का कारोबार

आईटी की रिपोर्ट अनुसार जांच कार्रवाई के दौरान अधिकारियों ने पाया गया कि आरोपियों द्वारा वेबसाईट silverexch.com” के माध्यम से क्रिकेट सट्टा खिलाया जा रहा था. कार्रवाई के दौरान यह पाया गया कि जो भी व्यक्ति / बुकी उक्त अवैध व्यापार में संयोजित होना चाहते थे. उन्हें एक मास्टर आई.डी. और पासवर्ड नगद रकम के निवेश हेतु प्रदान किया गया था, ऐसा मास्टर आई.डी. वाला व्यक्ति अपने अंतर्गत अन्य व्यक्तियों को संयोजित कर सकता था. जांच कार्रवाई के दौरान वर्णित मशीनों और मोबाईल के साथ ही सट्टे हेतु लगाये जा रहे दावों / रकम का इंद्राज खाताबही, जिसे बोलचाल की भाषा में सट्टा-पट्टी कहा जाता है, जब्त किया गया.

अरुण अग्रवाल के संरक्षण में चल रहा था कारोबार

आईटी के अधिकारियो के रिपोर्ट अनुसार सट्टे का पूरा कारोबार अरुण अग्रवाल के संरक्षण में बड़े पैमाने पर ऑनलाईन क्रिकेट सट्टे के अवैध कारोबार का संचालन किया जा रहा है. जिसमें समस्त आरोपीगण संलिप्त हैं. आईटी के अधिकारियो के बताए अनुसार अरुण अग्रवाल का सक्ती से भी रिकॉर्ड निकलवाया गया है. जिसमे पूर्व में भी उसके सट्टा से जुड़े रिकार्ड मिले हैं.

आयकर के अधिकारियो की रिपोर्ट अनुसार जांच दल के द्वारा आरोपी अरुण अग्रवाल से उसका व्यक्तिगत मोबाईल तलाशी के लिए मांगे जाने पर उसके साक्ष्य को छुपाने के उद्देश्य से उक्त मोबाईल को जांच दल को उपलब्ध नहीं कराया गया, अरुण के द्वारा उसके नियोजन में कार्यरत पवन कुमार जैन और मनोज बजाज को भी पहचानने से इंकार कर दिया और झूठा कथन करते हुए अपने आपराधिक कृत्यो से बचने के लिये वर्णित अपराध के स्थल को मनीष दौलतानी को किराये पर देना बताकर जांच दल को भ्रमित करने का प्रयास किया गया. अरुण अग्रवाल के द्वारा मौके पर मनीष, पवन और मनोज के साथ क्रिकेट सट्टा चलाने से इंकार कर दिया जबकि तीनो ने आईटी के अधिकारियो के सामने अरुण अग्रवाल के साथ व्यापार करना स्वीकार किया है.