दुर्ग। जिला उपभोक्ता फोरम के आदेश का पालन नहीं करने पर एचडीएफसी स्टैण्डर्ड लाइफ इंश्योरेंस कंपनी की नेहरू नगर भिलाई शाखा के मैनेजर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया. सुपेला पुलिस ने मैनेजर चंद्रप्रकाश पवार को गिरफ्तार कर जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष में पेश किया गया. आनन-फानन में बीमा कंपनी ने 454575 रुपए परिवादी को चेक से भुगतान किया, जिसके बाद बीमा कंपनी के मैनेजर को रिहा किया गया.

परिवादी मनीष कुमार तिवारी ने बीमा कंपनी एचडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से हेल्थ इंश्योरेंस बीमा करवाया था. बीमा अवधि के दौरान ही परिवादी वाहन दुर्घटना में घायल हुआ, जिसका इलाज अलग-अलग अस्पतालों में करवाया और दुर्घटना में आई चोटों के संबंध में परिवादी ने बीमा दावा पेश किया. बीमा कंपनी ने परिवादी के पॉलिसी लेते समय डायबिटीज होने की जानकारी छिपाए जाने की बात कहते हुए उनका दावा निरस्त कर दिया.

प्रकरण पर विचारण उपरांत जिला उपभोक्ता फोरम दुर्ग की तत्कालीन अध्यक्ष मैत्रेयी माथुर, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने अनावेदक बीमा कंपनी के आधार कर खारिज करते हुए बीमा कंपनी पर कुल 405000 रुपए हर्जाना लगाया था, जिसमें परिवादी के इलाज में हुए खर्च की राशि 300000 रुपए मय 9 प्रतिशत ब्याज, मानसिक क्षतिपूर्ति स्वरूप 100000 रुपये एवं वाद व्यय के रुप मे 5000 रुपए हर्जाना लगाया था.

परिवादी मनीष तिवारी के परिवाद पर आदेश पश्चात 2 साल तक हर्जाना राशि का भुगतान नहीं करने के साथ साथ निष्पादन प्रकरण में लगातार अनुपस्थित रहने के कारण जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने बीमा कंपनी को कोई भी रियायत देने से इनकार कर दिया, तब बीमा कंपनी ने आनन-फानन में 4,54,575 रुपये परिवादी मनीष तिवारी को चेक से भुगतान किया, जिसके बाद बीमा कंपनी के मैनेजर चंद्रप्रकाश पवार को रिहा किया गया.