राकेश चतुर्वेदी, भोपाल. एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली (IFMIS) में बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. मप्र में सरकारी भुगतानों में 162 करोड़ की गडबड़ी हुई. ये गड़बड़ी पिछले 5 सालों में हुई. वेतन, अनुदान, स्कॉलरशिप सहित तमाम सरकारी भुगतानों में गडबड़ी हुई है. डाटा एनालिसिस और इंटेलीजेंस टूल ने ये गडबड़ी पकड़ी. हालांकि इसमें सरकार ने 15 करोड़ के भुगतान की वसूली कर ली है.
दरअसल, एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रबंधन प्रणाली से लगभग 5600 तरह के भुगतान हुए. प्रदेश सरकार के 10 लाख से अधिक कर्मचारियों का वेतन, कार्यालय के खर्चे, अनुदान, स्कॉलरशिप सहित तमाम तरह के भुगतान इसी व्यवस्था से होते हैं.
वित्त विभाग ने डेटा एनालिसिस और इंटेलिजेंस टूल का उपयोग करके कई विभागों में हुए गंभीर वित्तीय अनियमितता के प्रकरणों की जांच की. जिसमें ये गड़बड़ी पाई गई. वहीं मामले में अब डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने वित्तीय इंटेलीजेंस सिस्टम में सुधार के निर्देश दिए हैं.
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अनियमित भुगतान का पहला मामला मार्च 2023 में इंदौर में मिला था. कलेक्टोरेट के एक बाबू मिलाप चौहान ने धोखाधड़ी से सरकारी भुगतान की राशि अपने और परिचितों के खातों में ट्रांसफर कर ली थी. जांच में कई कर्मचारियों सहित पूरा नेटवर्क मिला था.
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