पुलिस विभाग में छुट्टी नहीं मिलने से जवान परेशान हैं. भाग-दौड़ व चिरौरी-विनती के बाद किसी तरह जरूरी कार्यों के लिए दो-चार दिनों का अवकाश मिल पाता है. ऐसे में जवान अवकाश के लिए अजीबोगरीब तर्क दे रहे हैं. डॉयल 112 में तैनात एक कांस्टेबल ने छुट्टी के लिए जो आवेदन दिया है, वह बेहद रोचक है और अनोखा भी है. कांस्टेबल ने पत्र में लिखा है कि साहब शादी को 7 महीने हो गए, अभी तक कोई खुशखबरी नहीं मिली है. इसके लिए 15 दिन की छुट्टी चाहिए.

पूरा मामला बलिया जनपद का है. कांस्टेबल ने लिखा है कि ‘महोदय, प्रार्थी की शादी को सात महीने हो गए, अभी तक कोई खुशखबरी नहीं मिली है. डॉक्टर के सलाह के अनुसार दवा ली है तथा उनके साथ रहना है. प्रार्थी घर पर निवास करेगा. अत: श्रीमान जी से निवेदन है कि प्रार्थी को 15 दिवस का ईएल देने की कृपा करें.’ सक्षम द्वारा इसे संस्तुति के साथ अग्रसारित भी कर दिया गया है.

सूत्रों की मानें तो यह तो एक बानगी भर है. विभाग में अन्य कई ऐसे जवान हैं, जो अवकाश के लिये परेशान हैं. प्रदेश के किसी भी जगह पर तनाव होते ही सबसे पहले पुलिसकर्मियों की छुट्टी बंद कर दी जाती है. विभागीय लोगों की मानें तो छोटे-बड़े चुनावों के अलावा होली, दीपावली, दशहरा, ईद, बकरीद, मोहर्रम आदि तीज-त्योहार पर अवकाश देने की प्रक्रिया को बंद कर दी जाती है. कुछ दिनों पहले प्रदेश के कुछ जनपदों में साम्प्रादयिक तनाव होने के बाद जवानों की छुट्टी बंद व रद कर दी गई.

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यह है प्रावधान

प्रदेश के पुलिस या अन्य सरकारी महकमों में महिलाओं के लिये मातृत्व और पुरुषों के लिए पितृत्व अवकाश का प्रावधान है. हालांकि दोनों के अवकाश लेने के समय में बड़ा अंतर है. महिलाओं को जहां पहले 135 दिन का मातृत्व अवकाश मिलता था, वहीं शासन ने कुछ साल पहले इसे बढ़ाकर 180 दिन कर दिया. इसी प्रकार पुरुषों को 15 दिन का पितृत्व अवकाश मिल सकता है. विभागीय अधिकारी के अनुसार यह अवकाश पूरी नौकरी के दरमियान केवल दो बार ही लिया जा सकता है. यह अवकाश तब भी लिया जा सकता है, जब कर्मचारी की पत्नी को प्रसव होने वाला हो.

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