भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार के वन विभाग व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साझा कार्यक्रम में मृदा एवं जल संरक्षण कार्यशाला में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई.

नवा रायपुर स्थिति मेफेयर लेक रेजॉर्ट में इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में विभिन्न वक्ताओं ने अपने-अपने उद्बोधन प्रस्तुत किए। इस कार्यशाला में भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) के महानिदेशक और विशेष सचिव चंद्र प्रकाश गोयल, भारत सरकार के कैम्पा के राष्ट्रीय प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुभाष चंद्रा, छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर, छत्तीसगढ़ वन विभाग के कैम्पा प्रमुख व प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख वी. श्रीनिवास राव के साथ ही भारतीय वन सेवा के देश व प्रदेश के तमाम अधिकारीयों ने हिस्सा लिया. सभी ने अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए.

गौरतलब है कि इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का विशेष आकर्षण का केंद्र रहा, ‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’, जिसके बारे में छत्तीसगढ़ वन विभाग के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (संयुक्त वन प्रबंधन) और जैव विविधता बोर्ड के सचिव अरुण कुमार पांडेय ने कार्यशाला में उपस्थित सभी लोगों को बड़े ही रोचक तथ्यों के साथ विस्तार से बताया.

उन्होंने बताया कि किस प्रकार से इस योजना के तहत कृषकों और अन्य हितग्राहियों के निजी भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों का वृक्षारोपण कर सहयोगी संस्था व निजी कंपनियों के माध्यम से इस योजना को हितग्राहियों से उत्पादन का वापस खरीद/बायबैक सुनिश्चित करते हुए उनकी आय में बढ़ोतरी करना, कास्ट और प्लाईवुड आधारित उद्योगों को बढ़ावा देते हुए अतिरिक्त कर के रूप में शासन के राजस्व की वृद्धि लाना, रोजगार सृजन करना, वृक्षारोपण कार्य में सहयोगी संस्थाओं की सहभागिता से शासन के वित्तीय भार को कम करना आदि कार्यों को महत्व दिया जाएगा.

भारतीय वन सेवा के अधिकारी, छत्तीसगढ़ वन विभाग के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरुण कुमार पांडेय ने वृक्षों के साथ औषधीय पौधों की खेती के महत्व, कार्बन पृथक्करण और वनों से होने वाले मूर्त लाभ के महत्व बारे में भी लोगों को समझाया. उन्होंने टिशु कल्चर बीमा बांस, क्लोनल निलीगिरी, मेलिया डूबिया, मालाबार नीम, टिशु कल्चर सागौन और सफेद चंदन के पैदावार से होने वाले लाभ बारे में भी लोगों को बताया. ऐसी जन कल्याणकारी योजना की, वन मंत्री और मुख्यमंत्री ने भी इस योजना की सराहना की.