प्रदीप गुप्ता,कवर्धा. जिले के कई मार्गों को चौड़ीकरण करने को लेकर प्रशासन ने सड़क किनारे बने दुकानों पर अतिक्रमण करते हुए बुलडोजर चलवाया. अतिक्रमण के दौरान प्रशासन के साथ स्थानीय लोगों की झूमाझटकी हो गई. कड़ी मशक्कत के बाद प्रशासन ने यह कार्रवाई की. तब जाकर लोगों का हंगामा शांत हुआ.

शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए प्रशासन भरपूर प्रयास कर रही है, लेकिन राजनीति दबाव के चलते प्रशासन तोड़फोड़ नहीं कर पा रही थी. अब सरकार बदलते ही प्रशासन हरकत में आ गई है. शहर के कई मार्गों को चौड़ीकरण किया गया है. इनमें से एक ऐसा मार्ग भी है जो लंबे समय से विवादों में था. शहर के वीर स्तंभ चौक से लेकर मिनीमाता चौक तक का मार्ग भी विवादों में रहा. इस मार्ग के प्रभावित दुकानदारों व मकान मालिकों को दो करोड़ से अधिक का मुआवजा भी दिया गया था. कई लोगों ने मुआवजा लेकर अपना कब्जा नहीं छोड़ा था. जिसके कारण सड़क चौड़ीकरण का कार्य अधूरा ही पड़ा रहा.

इनमें भाजपा समर्थित कई लोग भी थे. 15 दिन पहले इस मार्ग का चौड़ीकरण फिर से शुरू हुआ. जहां वीर स्तंभचौक से लेकर मिनीमाता चौक तक 47 ऐसे प्रभावित है जो मुआवजा लेने के बाद भी कब्जा नहीं छोड़े थे. इन सभी को सात दिन के भीतर जगह खाली करने नोटिस दी गई, लेकिन जगह खाली नहीं कराया गया. ऐसे में आज भारी पुलिस बल के बीच अतिक्रमण हटाना शुरू किया गया. इस बीच पुलिस, राजस्व विभाग व नगर पालिका की टीम थी, जिनमें प्रभाावितों ने अतिक्रमण दस्ते के साथ जमकर विवाद हुआ. मामला बिगड़ते देख पुलिस ने हल्का बल का प्रयोग किया तब जाकर मामला शांत हुआ.

[embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=bMBi7KO6ob4[/embedyt]

कवर्धा में वर्ष 2007 में सड़क चौडीकरण के तहत 204 से अधिक मकान व दुकानों को हटाया गया था. इसके एवज में मुआवजा भी दिया गया. प्रभावितों को 3 करोड़ 25 लाख से अधिक मुआवजा दिया गया, लेकिन शहर के वीर स्तंभ चौक से लेकर मिनीमाता चौक तक 47 लोगों ने मुआवजा लेकर कब्जा नहीं छोड़ा. ऐसे में जिस उद्देश्य से सड़क चौडीकरण किया गया था उसका लाभ नहीं मिल पा रहा था. इनमें ऐसे लोग शामिल थे जो भाजपा समर्थित थे. लंबे समय तक कब्जा नहीं छोड़ने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. बिगड़ते यातायात को देखते हुए कवर्धा विधायक व वन, खाद्य परिवहन मंत्री ने फिर से जांच कर आवश्यक कार्यवाही के निर्देष दिये थे.

[embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=L05eewVYimA[/embedyt]

जिसके बाद सर्वे कर 47 लोगों को सात दिन के भीतर अतिक्रमण हटाने नोटिस भी दिया गया था. कब्जा नहीं छोड़ने पर आज सुबह से लगभग 200 पुलिस जवान, नगर पालिका व राजस्व की टीम मिलकर कब्जा हटाने शुरू किया. इस बीच प्रभावितों ने जगह न छोड़ने के लिए पुलिस व नगर पालिका टीम के साथ विवाद भी किए. मामला बिगडता देख पुलिस ने भीड को खदेड़ने के लिए हल्का बल प्रयोग किया. जिसके बाद तोड़फोड़ शुरू किया गया. पुलिस ने इस अभियान के लिए वीर स्तंभ चौक से लेकर मिनीमाता चौक तक का मार्ग पुरी तरह से बंद कर डायवर्ट किया. ताकि किसी प्रकार कोई परेशान व यातायात में दिक्कतें न आए.