लखनऊ । उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेंसिक साइन्स में अंतरराष्ट्रीय कॉन्फेंस का आयोजन किया गया। जिसमें ‘न्याय प्रक्रिया में फॉरेन्सिक साइंस एवं साइबर सिक्योरिटी की भूमिका’ पर चर्चा हुई। कार्यक्रम में सीएम योगी ने संविधान की शपथ दिलाई और फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट की वेबसाइट, ऑडिटोरियम और ई-लाइब्रेरी का उद्घाटन किया। इस दौरान सीएम ने कार्यक्रम में पहुंचे मेधावी छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया।
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कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि नए बने तीनों कानून का भाव आपराधिक संहिता और दंड संहिता नहीं है बल्कि न्याय संहिता है। यह नागरिकों की सुरक्षा के लिए है। अब इन कानूनों के तहत पहले साक्ष्य जुटाए जाएंगे, फिर अपराधी को कटघरे में खड़ा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुशासन की पहली शर्त ही कानून का राज स्थापित करना है। साइबर अपराध और डिजीटल अरेस्ट जैसी घटनाएं रोकने के लिए आधुनिक तकनीकों का सकारात्मक इस्तेमाल करना होगा।
सीएम योगी ने आगे कहा कि वर्तमान समय में साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट के मामले में तेजी से बढ़ रहे है। जिन्हें रोकने के लिए तकनीक का सकारात्मक इस्तेमाल करने की जरूरत है। अगर सकारात्मक सोच रखने वाले लोग ऐसी तकनीकों से भागेंगे तो नकारात्मक लोग हावी होते रहेंगे। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध से निपटने के लिए 18 रेंज में साइबर थाने खोले गए।
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