रायपुर। टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रभाव से स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में रिसर्चर, शिक्षाविदों और इंडस्ट्री में इनोवेशन के नए रास्ते खुल रहे है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में इनोवेशन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आईईईई (IEEE) की ओर से शंकाराचार्य कॉलेज में इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ. इसका उद्देश्य एकेडमिक और इंडस्ट्री दोनों क्षेत्र के रिसर्चर को एक मंच पर लाना है, ताकि एआई का हेल्थ सेक्टर में हुए अभी तक के डेवलपमेंट और भविष्य की संभावनाओं पर जानकारी का आदान-प्रदान हो सके. इस दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में सहभागी आईईईई कंप्यूटर सोसायटी है.
कार्यक्रम में श्री गंगाजली एजुकेशन सोसायटी के प्रेसिडेंट आईपी मिश्रा ने कहा कि, टेक्नोलॉजी ने हेल्थ केयर सेक्टर को बेहतर करने में अहम भूमिका निभाई है, जिसका उदाहरण कोविड-19 महामारी के दौरान देखने को मिला. वहीं कॉन्फ्रेंस के मुख्य स्पीकर सियोल यूनिवर्सिटी दक्षिण कोरिया के प्रो ट्रान ने कहा कि महामारी ने पूरे वर्ल्ड की आंखे खोल दी कि टेक्नोलॉजी जिसमें विशेषकर एआई की जरूरत हेल्थ सेक्टर में काफी ज्यादा है.
टेक्निकल यूनिवर्सिटी भिलाई के कुलपति डॉ. एमके वर्मा ने नई और विकसित टेक्नोलॉजी की जरूरत और फायदों पर प्रकाश डाला और संस्था के आईडिया लैब की प्रशंसा करते हुए कहा कि नवाचार को अग्रसर करने में शंकाराचार्य कॉलेज का प्रदेश में अहम स्थान है. संस्था के सेक्रेटरी निशांत त्रिपाठी ने एआई से स्वास्थ्यगत समस्याओं की पूर्व भविष्यवाणी, एनालिसिस और डिसीजन लेने के महत्व पर अपने विचार रखें.
कॉन्फ्रेंस के संयोजक डॉ. सुमन स्वर्णकार ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में 1400 रिसर्च पेपर प्राप्त हुए, जिसमें से 200 पेपर को सेलेक्ट किया गया. प्राचार्य डॉ. आलोक जैन ने अनुसार बेस्ट पेपर और पोस्टर को कैश अवार्ड दिया जाएगा. कंप्यूटर विभाग के हेड प्रो. रिजु भट्टाचार्य, प्रो. योगेश राठौर और स्टॉफ, स्टूडेंट्स इस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित रहे.
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