रायपुर। केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय द्वारा 30 जून 2025 को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्रियों की एक मंथन बैठक आयोजित हुई। जिसमें सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए प्रगति की समीक्षा, विचारों के आदान-प्रदान और भविष्य की कार्ययोजना पर विचार किया जायेगा। सहकारी क्षेत्र में मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी की स्थापना को लेकर विचार-विमर्श किया गया।

छत्तीसगढ़ के सहकारिता मंत्री केदार कश्यप इस बैठक में सम्मिलित हुए उन्होंने बैठक कि जानकारी देते हुए बताया कि यह बैठक भारत के सर्वांगीण विकास और उन्नति के लिये थी। जिसमें सहकारिता के क्षेत्र में किये जा रहे पहलों और नवाचार पर चर्चा किया गया। साथ ही भविष्य के योजनाओं पर विमर्श किया गया। उन्होंने बताया कि बैठक में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह जी का मार्गदर्शन और विजन प्राप्त हुआ।

बैठक के मुख्य विषय को लेकर मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि इस मंथन बैठक में सहकारी क्षेत्र में मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी की स्थापना को लेकर विचार-विमर्श होगा. इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा सहकारी बैंकिंग क्षेत्र की वित्तीय मजबूती के लिए उठाए गए कदम जैसे सहकारी बैंकों से जुड़ी समस्याओं के समाधान, राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के लिए साझा सेवा इकाई की स्थापना और शहरी सहकारी बैंकों के संचालन के लिए एक संगठन बनाने पर मंथन किया गया है।

सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि इस बैठक में सहकारिता मंत्रालय की अब तक की पहल और योजनाओं की समग्र समीक्षा करने के साथ-साथ सहकारिता मंत्रालय के प्रगति का मूल्यांकन, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों से अच्छे अनुभवों, श्रेष्ठ प्रक्रियाओं और रचनात्मक सुझावों का आदान-प्रदान हुआ। उन्होंने कहा कि निश्चित ही यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण को सामूहिक प्रयासों के माध्यम से आगे बढ़ाने के लिए साझा समझ और समन्वित रणनीति विकसित करने में मदद करेगा।

पैक्स को सशक्त बनाने पर विस्तृत चर्चा

मंत्री केदार कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि मंथन बैठक में 2 लाख नयी बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स), डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई। वहीँ सरकार का मानना है कि ग्रामीण सेवा को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का काम सहकारिता के जरिए संभव है। इस दौरान सहकारी क्षेत्र में ‘विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना’ पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा, जिसका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना और किसानों को सशक्त बनाना है। साथ ही, ‘सहकारिता में सहकार’ अभियान और ‘अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025’ के तहत राज्यों की प्रगति और सहभागिता पर विचार किया गया।

छत्तीसगढ़ में सहकारिता के संभावनाओं पर चर्चा

मंत्री केदार कश्यप ने छत्तीसगढ़ में सहकारिता के क्षेत्र में संभावनाओं को लेकर केंद्रीय सहकारिता मंत्री से चर्चा की। उन्होंने बताया कि नई सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में 500 नए बहुउद्देशीय पैक्स के गठन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जिससे किसानों को कृषि ऋण, खाद बीज और अन्य सेवाएं प्रदान की जा सकें। दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने की पहल भी विष्णुदेव साय सरकार द्वारा की जा रही है। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ मिलकर प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है, और 57 से अधिक नई दुग्ध समितियों का रजिस्ट्रेशन किया गया है।

मत्स्य पालन को बढ़ावा: 169 नई मत्स्य समितियों का गठन किया गया है, जिससे मत्स्य पालन के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

बैंकिंग सुविधा: प्रदेश के 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र खोले गए हैं, जिससे किसानों को बैंकिंग सुविधा घर के पास ही मिल सकेगी।

मंत्री केदार कश्यप ने छत्तीसगढ़ सरकार के विजन को लेकर कहा कि विष्णुदेव साय सरकार केंद्र के मार्गदर्शन में सहकारिता के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर कार्य करेगी।