अंतरराष्ट्रीय जाट दिवस : जाट समाज की ओर से 13 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय जाट दिवस (International Jat Day) के रूप में मनाया गया. 13 अप्रैल का दिन जाट समाज देश व समाज में भाईचारा बढ़ाने व कौमी एकता के रूप में मनाता है। इस दिन सभी जाट पूर्वजों के इतिहास व उनके आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाना जाट समाज के लोगों का उद्देश्य होना चाहिए.

भारतीय सेना की सर्वश्रेष्ठ रेजीमेंट में से एक ‘जाट रेजीमेंट’. जाट रेजिमेंट भारतीय सेना की एक पैदल सेना रेजिमेंट है. जिसमें से यह सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली और सबसे सुशोभित रेजिमेंटों में से एक है.

रेजिमेंट ने 1839 और 1947 के बीच 19 युद्ध सम्मान जीते हैं, और स्वतंत्रता के बाद इसने पांच युद्ध सम्मान जीते हैं, जिनमें 2 विक्टोरिया क्रॉस , 8 महावीर चक्र , 8 कीर्ति चक्र , 34 शौर्य चक्र , 39 वीर चक्र और 170 सेना पदक. अपने 200 साल के सेवा इतिहास के दौरान, रेजिमेंट ने प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध सहित भारत और विदेशों में विभिन्न कार्यों और संचालन में भाग लिया है.

जाट रेजीमेंट की कई बटालियनों ने प्रथम विश्व युद्ध में 14वीं मुर्रे की जाट लांसर्स समेत लड़ाई लड़ी थी. गौरतलब है कि यहा सेना की सर्वश्रेष्ठ रेजीमेंट है. प्रथम विश्वयुद्ध में इसे रॉयल के टाइटल से सम्मानित किया गया.

एक रहकर संघर्ष करना ही ‘जाट रेजीमेंट’ की पहचान है. इसीलिए ‘संगठन और वीरता’इस रेजीमेंट का आदर्श वाक्य है. यह रेजीमेंट जब युद्ध के मैदान में उतरती है तो ‘जाट बलवान, जय भगवान’का नारा लगाती है. रेजीमेंट का लोगो रोमन में अंक नौ यानी नाइन है जो रेजीमेंट की नौंवी बटालियन का प्रतिनिधित्व करता है इस अंक के ऊपर की ओर ‘सत्यमेव जयते’ अंकित है.

क्या होती है रेजिमेंट?

सबसे पहले तो आपको बता दें कि भारतीय थल सेना में ही रेजिमेंट की व्यवस्था है जबकि वायु सेना और नौसेना में ऐसा नहीं है. यह एक तरीके का सैन्य दल होता है और ये थल सेना का एक हिस्सा होता है. कई रेजिमेंट मिलकर पूरी थल सेना बनाती है और आम भाषा में कहा जाए तो एक थल सेना का एक ग्रुप है.