इस्लामाबाद। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के हालात से उबरने की राह कठिन हो रही है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और पाकिस्तान के बीच गुरुवार को एक अरब डालर से अधिक के बेलआउट पैकेज पर समझौता नहीं हो सका. अगर समझौता नहीं हो पाया तो पाकिस्तान का दिवालिया होना तय माना जा रहा है. इसे भी पढ़ें : CG NEWS : कारोबारी के ठिकानों पर आयकर विभाग की दबिश, जल्द होगा बड़ा खुलासा

आइएमएफ प्रतिनिधियों के साथ 31 जनवरी से चल रही पाकिस्तान सरकार के प्रतिनिधिमंडल की बैठक 9 फरवरी को समाप्त हुई. गुरुवार देर रात जारी एक बयान में पाकिस्तान के वित्त सचिव हमीद शेख ने विवरण का खुलासा किए बिना कहा कि पहले से ही आवश्यक उपायों पर आईएमएफ के साथ एक समझौता किया जा चुका है.

उन्होंने साथ ही कहा कि आईएमएफ के साथ बातचीत पूरी हो चुकी है. आईएमएफ ने एमईएफपी (आर्थिक और वित्तीय नीतियों का ज्ञापन) दस्तावेज पाकिस्तान को सौंप दिया गया है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के सरकारी टेलीविजन चैनल ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से बताया कि कुछ बिंदुओं पर अभी भी ध्यान देने की जरूरत है.

बता दें कि वार्ता के दौरान आईएमएफ और सरकार की ओर से पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के सभी पहलुओं पर चर्चा की. इस दौरान आइएमएफ ने पैकेज के लिए कड़ी शर्तें रखीं, जिनमें बिजली व गैस की कीमतों में वृद्धि, टैक्स की दरें बढ़ाने और बजट घाटे में अंतर को पाटना शामिल है.