स्पोर्ट्स डेस्क. नागपुर की अंतरराष्ट्रीय धाविका निकिता राउत पर डोपिंग मामले में तीन वर्षों का प्रतिबंध लगा दिया गया है. राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने इसकी सूचना विश्व एथलेटिक्स महासंघ की एथलेटिक इंटीग्रिटी यूनिट (एआईयू) को दे दिया है. एआईयू ने फरवरी में अपनी वेबसाइट पर डाली गई संदिग्ध खिलाड़ियों की सूची में से 11 अन्य भारतीयों के साथ निकिता को भी प्रतिबंधित कर दिया है. इसके साथ वह डोपिंग मामले में बैन होने वाली नागपुर की तीसरी खिलाड़ी बन गई हैं. इससे यहां की गौरवशाली एथलेटिक्स परंपरा को झटका लगा है.

पिछले वर्ष बेंगलुरु में आयोजित खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में 25 वर्षीय निकिता ने राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करते हुए महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में जीत के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया था. इसके बाद नाडा ने उनके यूरिन का नमूना लेकर उसकी जांच की. जांच में पाया गया कि उन्होंने 19-नॉरएंड्रोस्टेरोन (एक प्रतिबंधित अनाबोलिक स्टेरॉयड) लिया था. इंटरनेशनल एथलेटिक्स फेडरेशन द्वारा यह पदार्थ 30 वर्षों के लिए बैन हैं, जिसे मुख्य रूप से मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है. बैन की अवधि 2 मई 2022 से प्रभावी हो गई है और 10 जुलाई 2025 को समाप्त होगी.

इस प्रतिबंध के लागू होने से निकिता का खेलो इंडिया और उसके बाद के दूसरे प्रतियोगिता के प्रदर्शन को मान्यता नहीं दी जाएगी. इसके कारण उन्हें खेलो इंडिया में जीता गया स्वर्ण पदक और उत्कृष्टता प्रमाणपत्र वापस करना होगा. इस उत्कृष्टता प्रमाण पत्र के दुरुपयोग को रोकने के लिए नागपुर जिला एथलेटिक्स एसोसिएशन (एनडीएए) को पहल करनी होगी. निकिता खेलो इंडिया के बाद पिछले वर्ष जून में चेन्नई में आयोजित इंटर-स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 5,000 मीटर दौड़ में 9वें स्थान पर रही थी.