चंद्रकांत/बक्सर: जिले के ब्रह्मपुर प्रखंड के सपही गांव निवासी अंतरराष्ट्रीय तैराक और सेना से सेवानिवृत्त कैप्टन बिजेंद्र सिंह को बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा प्रशिक्षक के रूप में चयनित किया गया है. यह चयन आगामी खेलों इंडिया यूथ गेम्स 2025 की तैयारियों के अंतर्गत हुआ है, जिसके तहत अंडर-18 बालक एवं बालिका तैराकों का प्रशिक्षण शिविर 5 अप्रैल 2025 से बिपार्ड, गया, बिहार में आयोजित किया जा रहा है. यह शिविर प्रतियोगिता प्रारंभ होने तक चलेगा.

प्रशिक्षण शिविर में करें प्रतिभाग

बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा जारी पत्र के अनुसार इस शिविर में कैप्टन बिजेंद्र सिंह के साथ पटना की एनआइएस प्रशिक्षक स्वाती रानी को भी प्रशिक्षक के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है. दोनों प्रशिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे 23 मार्च 2025 को पटना स्थित आईएस भवन तरणताल में चयन ट्रायल के दौरान चयनित खिलाड़ियों को सूचना देकर प्रशिक्षण शिविर में प्रतिभाग हेतु प्रेरित करें और शिविर का संचालन सुनिश्चित करें. शिविर में कार्यरत प्रशिक्षकों को मानदेय का भुगतान नियमानुसार किया जाएगा.

विशेष पुरस्कार से सम्मानित

कैप्टन बिजेंद्र सिंह का खेल जगत में बड़ा नाम है. उन्होंने देश के लिए 400 से अधिक पदक विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय तैराकी प्रतियोगिताओं में जीते हैं. वर्ष 1986 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित प्रतियोगिता में उन्होंने स्वर्ण पदक प्राप्त कर भारत का नाम रोशन किया. 15 किलोमीटर लंबी दूरी की नेशनल तैराकी चैंपियनशिप में लगातार 2 बार स्वर्ण पदक जीतने वाले वे एकमात्र खिलाड़ी रहे हैं. इसके लिए उन्हें 1987 में सेना द्वारा विशेष पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.

रोजगार के कई अवसर होंगे उत्पन्न

सेना से 2008 में सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने अपने पैतृक गांव सपही लौटकर गोकुल जलाशय में ग्रामीण युवाओं को निःशुल्क तैराकी सिखाना शुरू किया. अब तक वे 300 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित कर चुके हैं, जिनमें से कई को सरकारी नौकरी भी मिली है. सीमित संसाधनों के बावजूद वे नियमित रूप से जलाशय में अभ्यास कराते हैं. उनका मानना है कि यदि गोकुल जलाशय को तरणताल के रूप में विकसित किया जाए, तो वहां पर्यटन, खेल और रोजगार के कई अवसर उत्पन्न हो सकते हैं. वे इसके लिए लगातार प्रशासन से भी मांग कर रहे हैं.

चीफ कोच की संभाल रहे हैं जिम्मेदारी

फिलहाल कैप्टन बिजेंद्र सिंह बिहार तैराकी संघ में चीफ कोच की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं. उनके अनुभव, समर्पण और जमीनी स्तर पर युवाओं को प्रशिक्षण देने के जज्बे को देखते हुए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण ने उन्हें एक बार फिर महत्वपूर्ण भूमिका में चुना है. जिले में उनके इस चयन को लेकर हर्ष का वातावरण है और खेल प्रेमी उनसे नई पीढ़ी के खिलाड़ियों को मार्गदर्शन मिलने की उम्मीद कर रहे हैं.

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