International Yoga Day 2022: विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक सद्गुरु कहते है कि आप पतला होने, पीठ का दर्द या सिरदर्द मिटाने के लिये योग नहीं करते. योग करने से आप स्वस्थ और शांतिपूर्ण हो जाएंगे. आपको वजन कम करने या स्वस्थ रहने के लिए योग करने की आवश्यकता नहीं है. इसके लिए तो आपको समझदारी से खाना और टेनिस खेलना या तैरना चाहिए.

योग का लक्ष्य आपके अंदर एक अन्य आयाम को जगाना है जो भौतिकता से परे है. सिर्फ जब वह जागता है, आपने जिन चीजों के बारे में सोचा भी नहीं था, वे आपके लिये जीवित वास्तविकताएं बन जाती हैं.

योग कोई व्यायाम का प्रकार नहीं है. पर एक चीज है- उप योग, जिसका अर्थ है हल्का व्यायाम या उपयोगी प्रक्रियाएं जिनमें आध्यात्मिक आयाम जुड़ा हुआ नहीं है. आप अगर उप-योग अथवा अंग मर्दन योग करते हैं तो ये पक्का हो जाएगा कि आप चुस्त दुरुस्त रहेंगे और आपको किन्हीं उपकरणों की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. आपको कुछ चाहिए तो वह है- फर्श पर केवल 6×6 फीट की जगह. आप एकदम चुस्त-दुरुस्त रहेंगे और आपकी मांसपेशियां भी बनेंगी.

योग में हम सिर्फ मांसपेशियों की मजबूती की ओर ही नहीं देखते. शरीर के हर अंग का स्वस्थ होना भी महत्वपूर्ण है. यौगिक व्यवस्था इसीलिये विकसित हुई है कि शरीर के सभी अंगों के स्वास्थ्य की देखभाल की जाए. यदि आपकी मांसपेशियां बहुत सुदृढ़ हैं पर आप का लिवर सही ढंग से काम नहीं कर रहा तो उन मांसपेशियों का क्या लाभ? यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि शरीर लचीला हो और उपयोगी हो. अंगों का आरामदायक स्थिति में होना भी एक महत्वपूर्ण पक्ष है.

एक पहलू यह भी है कि शरीर के अधिकतर महत्वपूर्ण अंग छाती और पेट के हिस्से में होते हैं. ये अंग न तो कठोर हैं, न ही नट-बोल्ट द्वारा जोड़े हुए हैं. वे ढीले-ढाले हैं, जालों में लटके हुए हैं. सिर्फ जब आप अपनी रीढ़ की हड्डी सीधी कर के बैठते हैं, तभी ये अंग सबसे ज्यादा आराम में होते हैं. परंतु, आजकल आराम का आधुनिक विचार ये है कि आप पीछे की ओर झुके हुए हों. पर जब आप ऐसे झुके हुए होते हैं, तो आप के अंग कभी भी आराम में नहीं हो सकते, उन्हें जैसे काम करना चाहिए, वे वैसा नहीं कर पाएंगे.

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65 साल की उम्र में रोजाना 400-450 किलोमीटर की यात्रा करके 100 दिनों में 30 हजार किलोमीटर की जर्नी पूरी करने के सवाल पर सदगुरु नकहते है ये एक तरह से योग का प्रचार है. जब हम लंबे समय तक यात्रा करते हैं तो हमारा स्पाइन ज्यादा काम करता है. इससे हमारे स्पाइन व मसल्स दोनों का भरपूर व्यायाम होता है. यह हमें और दूर तक जाने के लिए प्रेरित करता है.

सद्गुरु और बाबा रामदेव