कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर ग्वालियर के ऐतिहासिक किले में योग का आयोजन हुआ। किले पर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने योग किया। इस दौरान सिंधिया के साथ सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर और करीब पांच सौ से ज्यादा हर आयुवर्ग के लोगों ने योग किया। सुबह साढ़े छह बजे ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर के किले पर पहुंचे। किले पर सभी ने बड़ी स्क्रीन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उद्बोधन सुना।

इस दौरान केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सभा ने वर्ष 2014 में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाये जाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। विश्वभर में योग को स्वीकृति और मान्यता हमारे देश के लिये गौरव का विषय है, क्योंकि योग हमारे देश की सांस्कृतिक तथा आध्यात्मिक विरासत का अभिन्न अंग है। वही सिंधिया ने सीएम शिवराज सिंह चौहान के योग आयोग गठन की घोषणा को सराहते हुए कहा कि सीएम का यह कदम योग को प्रदेश में और अधिक मजबूती देगा।

ग्वालियर के रहने वाले योगेंद्र कुशवाहा उर्फ योगी करीब 17 साल पहले ग्वालियर के लक्ष्मीबाई नेशनल फिजिकल यूनिवर्सिटी से योग की डिग्री हासिल की थी। योग को पेशे की बजाए आदर्श जीवन पद्धति के रूप में चुना था। सालों तक ग्वालियर सहित देशभर में लोगों को योग प्रशिक्षण देते रहे। करीब 7 साल पहले योगी चाइना में बस गए थे जहां उन्होंने करीब 5 साल तक लोगों को योग की शिक्षा दी। कोरोना के दौरान योगी भारत लौट आए और अब ग्वालियर से रहकर ही दुनिया भर के लोगों को ऑनलाइन निशुल्क योग की शिक्षा दे रहे हैं।

योगी के मुताबिक कोरोना बीमारी सबसे ज्यादा फेंफड़ों पर मार करती है। ऑक्सीजन लेवल कम होते ही बीमारी घातक हो जाती है। इन हालातों से बचने के लिए उष्ट्रासन, कटि चक्रासन और त्रिकोणआसन कारगर साबित हो रहे है। प्राणायाम से ऑक्सीजन लेवल ठीक होता है। अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, भस्रिका प्राणायाम से ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है। 

योगी ग्वालियर में रहकर ही दुनियाभर के लोगों को निशुल्क योग-प्राणायाम सिखा रहे हैं। योग सीखने के लिए अमेरिका, ब्राजील, दुबई, मलेशिया, सिंगापुर, रशिया, कज़ाकिस्तान से ऑन लाइन जुडते हैं। सुबह और शाम अलग अलग देशों के लिए योग का सत्र चलता है। योगी का मानना है कि कोरोना से डॉक्टर और दवाएं लड़ ही रही है, लेकिन योग दवा से ज्यादा कारगर बन रहा है। कोरोना सहित अन्य महामारियों के दौर में दुनियाभर के लोग दवा से ज्यादा योग- प्राणायाम पर भरोसा कर रहे हैं।अमेरिकी छात्रा सनी कहती है कि वो अमेरिका में रहकर ही काफी लंबे समय से योगा का अभ्यास कर रही है। योग से काफी रिलैक्स मिलता है मन स्वस्थ रहता है।

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