दिल्ली. इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए अगले साल से छह महीने की इंटर्नशिप अनिवार्य होगी। पहले से तीसरे साल तक उन्हें हर साल दो-दो महीने की इंटर्नशिप करनी होगी। अभी इसके लिए कोई नियम नहीं है, हालांकि अच्छे कॉलेज स्वेच्छा से कराते हैं।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) नए नियमों की जल्द घोषणा करेगा। एआईसीटीई के वाइस चेयरमैन डॉ. एम.पी. पूनिया ने बताया कि पहले साल की इंटर्नशिप गर्मियों की छुट्टियों में कॉलेज या विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाओं में करानी होगी। जबकि दूसरे साल बच्चों को बाजारों में छोटे मैकेनिक के पास जाकर सीखना होगा। जैसे मोबाइल फोन रिपेयर शाप, कंप्यूटर रिपेयरिंग, मोटर मैकेनिक आदि जो छोटे-छोटे उद्यम चलाते हैं।
तीसरे वर्ष में इंजीनियरिंग के छात्रों को उद्योगों में इंटर्नशिप के लिए जाना होगा। जबकि चौथे वर्ष में वे पूर्व की भांति प्रोजेक्ट करेंगे। इस प्रकार छह महीने की तीन इंटर्नशिप पूरी करनी होगी। इन्हें कोर्स का हिस्सा बनाया जाएगा और क्रेडिट भी निर्धारित किए जाएंगे।
एआईसीटीई की इस पहल का उद्देश्य इंजीनियरिंग के छात्रों के कौशल को बेहतर बनाना है। ताकि डिग्री लेने के बाद वे बेहतर रोजगार हासिल कर सकें। अभी महज 50 फीसदी छात्र ही इंजीनियरिंग के बाद रोजगार हासिल कर पाते हैं।