सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर. छत्तीसगढ़ में मलेरिया को जड़ से खत्म करने के लिए अंतरराज्यीय अभियान चलेगा. बीमारी के माइग्रेशन (प्रवास) की वजह से पूर्ण सफलता नहीं मिल रही है. प्रदेश से मलेरिया को मिटाने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ संयुक्त बैठक जून माह के 2 तारीख को जगदलपुर में होगी. वहीं छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी राहत भरी खबर है. एनुअल पैरासाइट इंडेक्स (API) में मलेरिया का दर 2016 में 16.8 था, जो अब 0.94 पहुंच गया है.

महामारी कंट्रोलर छत्तीसगढ़ डॉक्टर सुभाष मिश्रा ने बताया कि मलेरिया को लेकर आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की संयुक्त बैठक होगी. यह बैठक 2 जून को जगदलपुर में आयोजित होगी.

बता दें कि छत्तीसगढ़ में मलेरिया पर नियंत्रण पाने के लिए एक करोड़ से ज़्यादा LLIN मच्छर दानी का वितरण किया गया. वर्ष 2020 में मलेरिया के 64,646 , 2021 में 16,148, 2022 में 7479 तो वहीं 2023 में 8939 मरीज मिले हैं.

जिसमें से गर्भवती महिला 2020 में 870, 2021 में 127, 2022 में 45 तो वहीं 2023 में 65 मलेरिया के शिकार हुए थे. पॉजिटिव रेट 2020 में 4.6, 2021 में 1.03, 2022 में 0.79 तो वहीं 2023 में 0.46 रहा है.

वहीं जांच संख्या की बात करें तो 2020 में 14.06 लाख, 2021 में 15 लाख, 2022 में 43.61 लाख तो वहीं 2023 में 19.50 लाख व्यक्तियों का जांच किया गया. मलेरिया को लेकर जगदलपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर सुकमा और बीजापुर में जागरूकता अभियान चलाया गया था.

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