औरंगाबाद। पुलिस ने अंतरराज्यीय टार्जन रमेश गैंग’ के सरगना रमेश चौधरी समेत 15 सदस्यों को गिरफ्तार कर एक बड़ी चोरी की वारदात का पर्दाफाश किया है। पूछताछ में रमेश ने बताया कि वह पहले छोटी-मोटी चोरियां करता था। चोरी के दौरान ही उसकी मुलाकात लक्ष्मण चौधरी से हुई, जो रेलवे प्लेटफॉर्म पर लगे नए ट्रांसफॉर्मरों से तार काटकर बेचता था। धीरे-धीरे दोनों ने मिलकर गैंग बनाने की योजना तैयार की और बाद में 14 लोगों को और जोड़कर ‘टार्जन रमेश गैंग’ का गठन किया।

थाने में दर्ज हुआ था मामला

पुलिस ने बताया कि गैंग ने अगस्त में सोननगर टीएसएस से ट्रांसफॉर्मर का तेल, साइट प्लेट के नट और कई कीमती पुर्जे चोरी किए थे। लगभग 3.5 करोड़ रुपये मूल्य के इन सामानों की चोरी को लेकर 23 अगस्त को बारूण थाने में मामला दर्ज हुआ था। जांच के दौरान एसआईटी और आरपीएफ की संयुक्त टीम ने सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी सुराग और गुप्त सूचना के आधार पर कई स्थानों पर छापेमारी की।

पहले गैंग के सदस्य रेकी करते थे

रमेश चौधरी ने कबूला कि वारदात से पहले गैंग के सदस्य रेकी करते थे। जब जोखिम नजर नहीं आता तो शाम के समय स्कॉर्पियो और बोलेरो से निकलकर चोरी को अंजाम देते थे। वे अपने मोबाइल फोन भी बंद कर लेते थे ताकि लोकेशन ट्रैक न हो सके। चोरी किए गए कॉपर वायर को कुछ दिन छुपाकर रखा जाता और बाद में पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले स्थित कबाड़ दुकान में बेच दिया जाता था। गैंग बिहार, झारखंड और बंगाल के कई इलाकों में इसी तरह की घटनाएं कर चुका है।

पुलिस को बड़ी सफलता मिली

8 दिसंबर को पुलिस को बड़ी सफलता मिली, जब सोननगर स्टेशन के पीछे पिकअप पर लदे कॉपर वायर के साथ रमेश पकड़ा गया। उसकी निशानदेही पर 14 अन्य आरोपी भी गिरफ्तार हुए। पुलिस ने 12 क्विंटल कॉपर, एक पिकअप, स्कॉर्पियो, बोलेरो, मोबाइल और अन्य उपकरण बरामद किए। सभी आरोपी पश्चिम बंगाल और झारखंड के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं।