पंजाब में नशे के खिलाफ जांच एजेंसी की रेड चल रही है. ‘युद्ध नशियां विरुद्ध’ के तहत पंजाब पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की संयुक्त कार्रवाई शुक्रवार को हुई. पुलिस जहां बीते 138 दिनों में 22,377 नशा तस्करों को गिरफ्तार कर चुकी है, वहीं ईडी ने शुक्रवार को जालंधर जोन से शुरू कर चार शहरों– चंडीगढ़, लुधियाना, बरनाला और मुंबई में छापेमारी कर बड़ा खुलासा किया है.
पंजाब पुलिस ने गुरुवार को राज्यभर में 433 ठिकानों पर छापेमारी कर 113 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया. उनके पास से 1.5 किलो हेरोइन, 5 किलो अफीम और 31,237 नशे की गोलियां बरामद कीं. राज्य के स्पेशल डीजीपी (कानून व्यवस्था) अरपित शुक्ला ने बताया कि इस अभियान में 180 से अधिक पुलिस टीमें और 1300 से ज्यादा जवान तैनात किए गए, जिनका नेतृत्व 93 गज़ेटेड अफसर कर रहे हैं. इस ऑपरेशन के दौरान कुल 81 एफआईआर दर्ज की गईं और 483 संदिग्धों की तलाशी ली गई.

इसी बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पंजाब में 22 प्राइवेट नशा मुक्ति केंद्रों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में छापेमारी की. यह तलाशी अभियान चंडीगढ़, लुधियाना, बरनाला और मुंबई में चार ठिकानों पर चलाया गया. जांच के केंद्र में हैं डॉ. अमित बंसल, जो पूरे पंजाब में 22 निजी नशा मुक्ति केंद्र चलाते हैं.
राज्य सरकार की निगरानी में तीन-स्तरीय रणनीति
पंजाब सरकार ने नशे के खिलाफ तीन-स्तरीय रणनीति – प्रवर्तन (Enforcement), नशा मुक्ति (De-addiction) और रोकथाम (Prevention) – अपनाई है. इसके लिए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय कैबिनेट उप-समिति भी बनाई गई है जो इस अभियान की निगरानी कर रही है.
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