रायपुर। भारतमाला परियोजना के अंतर्गत रायपुर – विशाखापट्नम इकॉनामिक कॉरिडोर में मुआवजा घोटाला की जांच रिपोर्ट केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को भेज दी गई है. इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर जांच रिपोर्ट की स्क्रूटनी तथा जांच टीम गठित होने के बाद प्राप्त शिकायतों व आवेदनों का परीक्षण भी किया जा रहा है.
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भारतमाला परियोजना के अंतर्गत रायपुर- विशाखापट्नम इकॉनामिक कॉरिडोर में मुआवजा घोटाला सामने आने के बाद राज्य शासन के निर्देश पर भूअर्जन मुआवजा प्रकरणों की जांच का जिम्मा रायपुर संभाग के आयुक्त को सौंपा गया था. संभागायुक्त ने भारतमाला परियोजना के तहत भू-अर्जन मुआवजा प्रकरणों के संबंध में नए सिरे से दावा- आपत्तियां मंगाई थीं.

संभागायुक्त को डेढ़ सौ से अधिक दावा-आपत्तियां व शिकायतें मिली थीं. इनकी जांच के लिए अपर कलेक्टरों की अध्यक्षता में चार अलग-अलग टीमें बनाई थीं. उन्हें हफ्तेभर के भीतर रिपोर्ट देने कहा गया था. तीन टीमों ने अपनी रिपोर्ट संभागायुक्त को सौंप दी है. केवल एक टीम की जांच रिपोर्ट आनी बाकी है.
रायपुर संभागायुक्त महादेव कावरे ने बताया कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को मुआवजा घोटाला मामले में मांगी गई जानकारी व जांच रिपोर्ट भेज दी गई है. इस बीच जांच टीमों के गठन के बाद मुआवजा वितरण के संबंध में कुछ और शिकायतें व आवेदन प्राप्त हुए हैं. इन आवेदनों व शिकायतों का परीक्षण किया जा रहा है. साथ ही जांच रिपोर्ट की स्क्रूटनी भी की जा रही है, ताकि आगे कार्रवाई की जा सके.
नए सिरे से प्राप्त दावा-आपत्तियों में अधिकांश किसानों ने अर्जित भूमि का कम मुआवजा मिलने का आरोप लगाया है. हालांकि, ऐसे प्रकरणों में प्रभावित किसान संभागायुक्त के न्यायालय के समक्ष अभ्यावेदन दे सकते हैं.
अधिकारियों व भू-माफियों ने किया घोटाला
बता दें कि भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्नम सिक्सलेन भूमि अधिग्रहण मामले में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है. एसडीएम, पटवारी और भू-माफिया के सिंडिकेट ने बैक डेट पर दस्तावेज बनाकर जमीन को कई टुकड़ों में बांटकर करोड़ों रुपए की मुआवजा राशि निकाल ली गई और शासन को नुकसान पहुंचाया गया.
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