सत्यपाल राजपूत, रायपुर। डॉक्टर एसएल आदिले के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं. इस मामले की शिकायत के बाद तीन सदस्यीय टीम फाइल खंगाल रही है. लेकिन जांच से पहले गठित टीम पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. आरोप है कि डॉ आदिले के मातहत अधिकारी को ही जांच टीम में शामिल किया गया है. वहीं जांच कमेटी के अन्य 2 सदस्य भी डीएमई की रैंक से नीचे है. गौरतलब है कि संचालनालय चिकित्सा शिक्षा ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई है. टीम द्वारा पूछताछ के लिए कमेटी के सभी सदस्यों को बुलाया गया है.

बता दें कि डॉ आदिले के खिलाफ दवा खरीदी के मामले में 95 लाख रुपये की गड़बड़ी सामने आई है. उसके बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने जांच के आदेश दिए थे. आदेशानुसार तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है जो फ़ाइल खंगालने में जुट गई है.

इसे भी पढ़े-मेडिकल एजुकेशन के डायरेक्टर डॉ आदिले को पद से हटाया गया, दुष्कर्म के अलावा यह भी था आरोप

आईएमए के सदस्य और कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉक्टर राकेश गुप्ता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि डॉ एसएल आदिले संचालक चिकित्सा शिक्षा वर्तमान में अनुपस्थित के खिलाफ हमारी शिकायत पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जांच शुरू की है. जांच कमेटी में डॉक्टर आदिले के मातहत अधिकारियों को रखा गया है. अपने उच्च अधिकारी के खिलाफ यह अधिकारी कैसे जांच कर पाएंगे, यह बड़ा प्रश्न है. कमेटी की विश्वसनीयता को प्रश्नचिन्ह लग जाता है, कमेटी की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए कम से कम सीनियर प्रोफेसर और वित्त विभाग से किसी अवर सचिव स्तर के अधिकारी को रखा जाना उचित होगा. डॉ एसएल आदिले के संचालक चिकित्सा शिक्षा के पूरे कार्यकाल में डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और संचालक चिकित्सा शिक्षा में हुई खरीदी की जांच होनी है

आपको बता दें डीकेएस अस्पताल में काम करने वाली एक युवती ने डॉ आदिले के खिलाफ नौकरी दिलाने का झांसा देकर अपने अशोका रत्न स्थित घर में ले जाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. मामले में पीड़िता ने एसएसपी रायपुर के पास लिखित शिकायत दी है.