स्पोर्ट्स डेस्क. विश्वकप विजेता ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग इंडियन प्रीमियर लीग (IPL2023) के दौरान भारत के युवा खिलाड़ियों को अच्छा क्रिकेटर बनाने के साथ अच्छा इंसान बनाना भी अपनी जिम्मेदारी समझते हैं. उनका मानना है कि, मैदान पर अनुशासित प्रदर्शन करने के लिए मैदान के बाहर अनुशासित जीवन जीना महत्वपूर्ण है. दिल्ली कैपिटल्स के मुख्य कोच पोंटिंग ने कहा कि, आप जितना अच्छा इंसान होंगे आपको उतना बेहतर खिलाड़ी बनने में आसानी होगी. अगर आपकी निजी जिंदगी व्यवस्थित नहीं है तो वास्तव में आपके लिए मैदान पर अनुशासित प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी बनना मुश्किल होगा.

48 वर्षीय पोंटिंग जानते हैं कि, आईपीएल में एक अच्छी पारी खेलने से भारत के युवा खिलाड़ियों का ध्यान किस तरह से भटक सकता है. उन्होंने कहा कि, यह हमारे देश से काफी भिन्न है और आईपीएल में कई युवा खिलाड़ियों को मौका मिलता है जो हो सकता है कि उसके लिए तैयार न हो. मेरे कहने का मतलब है भले ही वे क्रिकेट के लिए तैयार हों, लेकिन उससे जुड़ी अन्य चीजों के लिए तैयार न हों. इनमें से कई खिलाड़ियों के लिए आईपीएल वास्तविक दुनिया नहीं है और यहां कई अन्य चीजें भी होती हैं.

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 71 शतक लगाने वाले पोंटिंग ने कहा कि, जब मैं अपने करियर पर गौर करता हूं तो मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था. अंतर सिर्फ इतना था कि मेरे पर लोगों का इतना ध्यान नहीं था जितना कि भारत के युवा खिलाड़ियों पर रहता है. मेरा काम उन्हें बेहतर खिलाड़ी बनाना है, लेकिन इसके साथ ही उन्हें अच्छा इंसान बनाना भी मेरा काम है.