IPL 2024: क्रिकेट के इतिहास में आपने 2 भाइयों की जोड़ियों खूब देखी होंगी. इनमें इरफान पठान-यूसुफ पठान, हार्दिक-क्रुणाल, दीपक-राहुल चाहर हैं. जिन्होंने अपने खेल से फैंस का दिल जीता. पठान ब्रदर्स की जोड़ी तो सुपरहिट रही. कई मौकों पर यह साथ खेले तो कई मौकों पर अलग-अलग टीमों का हिस्सा भी रहे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आईपीएल 2024 में भाइयों की 3 जोड़ियां हैं, जिनमें क्रुणाल-हार्दिक, दीपक-राहुल चहर और टॉम-सैम कुरेन का नाम शामिल है.
इस सीजन दो जोड़ियां तो आमने-सामने आ चुकी हैं, लेकिन सैम कुरेन और टॉम कुरेन अब तक एक दूसरे खिलाफ नहीं दिखे. कुरेन ब्रदर्स की जोड़ी की दिलचस्प बात यह है कि एक तरफ जहां छोटा भाई कप्तान बन गया तो वहीं बड़े भाई टॉम कुरेन को 1 भी मौका नहीं मिला. वे प्लेइंग 11 में जगह बनाने के लिए तरस रहे हैं.
पंजाब का हिस्सा हैं सैम कुरेन
दरअसल, इस सीजन सैम कुरेन पंजाब किंग्स का हिस्सा हैं. उन्हें इस टीम ने पिछले सीजन 18.50 करोड़ रुपए की बोली लगाकर अपने साथ जोड़ा था. शिखर धवन के चोटिल होने के बाद वे इस सीजन कप्तानी कर रहे हैं. अब तक खेले गए 12 मैच में उनके बल्ले से 207 रन निकले और 14 विकेट भी आए. वहीं सैम कुरेन को एक भी मौका नहीं मिला.
आरसीबी का हिस्सा हैं टॉम कुरेन
टॉम कुरेन इस सीजन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के साथ हैं. इस टीम ने टॉम को 1.50 करोड़ रुपए में अपने साथ जोड़ा था. लेकिन उन्हें एक भी मैच नहीं खिलाया गया. आरसीबी इस सीजन अपने 13 मैच खेल चुकी है, लीग स्टेज में उसका एक मैच बाकी है. यह मुकाबला करो या मरो वाला है, जिसमें शायद ही टॉम को मौका मिले. ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि इस इंग्लिश पेसर को बिना खेले ही अपने देश लौटना पड़ेगा.
इंग्लैंड के लिए भी छोटे भाई ने ज्यादा मैच खेले
टॉम करेन इंग्लैंड के लिए 2 टेस्ट, 28 वनडे और 30 टी20 मैच खेल चुके है. वहीं सैम कुरेन को ज्यादा मौके मिले, उन्होंने इंग्लैंड के लिए 24 टेस्ट, 32 वनडे और 46 टी20 मैच खेले हैं. खास बात ये है कि 1 जून 2024 से शुरू होने वाले टी20 विश्व कप में सैम कुरेन को जगह मिली है. उनके बड़े भाई टॉम कुरेन जगह बनाने से चूक गए.
दादा-पिता की राह पर सैम और टॉम कुरेन
सैम कुरेन के दादा क्रिकेटर रहे. उन्हें जिम्बाब्वे के लिए खेला, उनके पिता केविन कुरेन भी इंटरनेशनल क्रिकेटर रह चुके हैं. जिन्होंने जिम्बाब्वे के लिए 11 वनडे खेले थे. खास बात ये है कि वे वर्ल्ड कप 1983 में जिम्बाब्वे टीम के सदस्य रहे. जब क्रिकेट में करियर ज्यादा कामयाब नहीं हुआ तो वे इंग्लैंड शिफ्ट हो गए. जहां टॉम-सैम दोनों का जन्म हुआ. उनके पिता ने क्रिकेट से संन्यास के बाद कोचिंग में करियर बनाया, वे नामीबिया और जिम्बाब्वे के कोच रह चुके हैं.
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