IPL 2025: आईपीएल 2025 की मेगा नीलामी के लिए टीमों के पास रिटेंशन फाइनल करने की डेडलाइन 31 अक्टूबर रखी गई है. जानिए आखिर कहां पेंच फंस रहा है.
IPL 2025: आईपीएल 2025 के लिए मेगा ऑक्शन होना है. इससे पहले टीमें अपने रिटेन और रिलीज खिलाड़ियों की लिस्ट जारी करेंगी. इस बार रिटेंशन नियमों में बदलाव हुआ है, इसलिए टीमें अब तक अपने रिटेन खिलाड़ियों को लेकर कोई फैसला नहीं कर पा रही हैं. बीसीसीआई ने सभी 10 टीमों को निर्देश दिया है कि वे 31 अक्टूबर तक अपने रिटेन किए गए खिलाड़ियों की सूची सौंप दें, जिससे आगे की प्रोसेस तेज हो सके.
दरअसल, इस बार रिटेंशन के नियमों ने टीमों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, क्योंकि वे अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को रिटेन करने से पहले कई बार सोचने पर मजबूर हो रही हैं. इसके पीछे की वजह सैलरी स्केल है. बीसीसीआई के नए नियमों के अनुसार, सभी टीमें अधिकतम 6 खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती हैं. जिसमें एक अनकैप्ड भी शामिल होगा.
आईपीएल 2025 के लिए रिटेंशन सैलरी स्केल
पहला रिटेंशन- 18 करोड़ रुपये
दूसरा रिटेंशन- 14 करोड़ रुपये
तीसरा रिटेंशन- 11 करोड़ रुपये
चौथा रिटेंशन- 18 करोड़ रुपये
पांचवां रिटेंशन- 14 करोड़ रुपये
अनकैप्ड प्लेयर पर खर्च करने होंगे 4 करोड़
पहले रिटेंशन की कीमत 18 करोड़, दूसरे की 14 करोड़ और तीसरे की 11 करोड़ रखी गई है. इसके बाद अगर टीम चौथा रिटेंशन भी करना चाहती है तो फिर 18 करोड़ और इसके बाद पांचवें रिटेंशन के लिए 14 करोड़ रुपये तक खर्च करने पड़ेंगे. टीम एक आरटीएम यानी राइट टू मैच कार्ड यूज कर सकती है, अनकैप्ड प्लेयर को रिटेन करने के लिए 4 करोड़ खर्च करने होंगे.
यहां फंसा पेंच?
बीसीसीआई ने रिटेंशन की कीमत ज्यदा बड़ी रखी है. टीमें अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को रिटेन करना चाहती हैं, लेकिन इसके लिए बहुत ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ेगी. हालांकि बीसीसीआई ने पर्स को बढ़ाकर 120 करोड़ रुपये कर दिया है, फिर भी टीमों के लिए तीन-चार खिलाड़ियों पर ही बड़ी रकम खर्च करना मुश्किल हो रहा है. उन्हें यह भी सोचना पड़ रहा है कि बाकी टीम कैसे बनेगी, क्योंकि नियमों के अनुसार किसी भी टीम में 18 से 25 खिलाड़ियों का होना अनिवार्य है.
अब क्या है टीमों का प्लान?
इस बार संभावना है कि कई बड़े खिलाड़ी अपनी टीमों से रिलीज हो सकते हैं, जो पहले कम देखने को मिलता था. इससे नीलामी में काफी रोमांच होगा. टीम मैनेजमेंट्स इस पर विचार कर रहे हैं कि खिलाड़ियों को रिलीज कर दिया जाए और नीलामी में उन्हें कम कीमत पर दोबारा खरीद लिया जाए, जो एक फायदे का सौदा साबित हो सकता है. 31 अक्टूबर तक यह साफ हो जाएगा कि किस टीम ने किस खिलाड़ी को रिटेन किया और किसे रिलीज किया.