रायपुर। प्रदेश में आईपीएस अवार्ड को लेकर चल रहे खींचतान पर अब नया मोड़ आ गया है. दूसरे राज्य के पुलिस अधिकारी यशपाल सिंह के प्रमोशन का मामला और फंस गया है. अवार्ड होने के पहले विभिन्न विभागों से एनओसी मंगाई गई थी. इसमें खुलासा हुआ है कि ईओडब्ल्यू में यशवंत सिंह के खिलाफ करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने की शिकायत दर्ज है. इस मामले में ईओडब्ल्यू ने नवा रायपुर स्थित पुलिस मुख्यालय को पत्र भेजा है. पत्र में कहा गया है कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विशेष आसूचना में पदस्थ यशपाल सिंह के खिलाफ 2019 में करोड़ों की संपत्ति हासिल करने की शिकायत दर्ज कराई गई है. जिसकी जांच चल रही है. वहीं आईपीएस अवार्ड के लाइन में आगे धर्मेंद्र सिंह छावई, दर्शन सिंह मरावी, उमेश चौधरी, मनोज कुमार खिलारी और रवि कुमार कुर्रे के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं है.
बता दें कि इस साल राज्य पुलिस सेवा के दो अफसरों का आईपीएस अवार्ड होना है. इसके लिए 1998 बैच के राज्य सेवा के 6 अफसरों को आईपीएस अवार्ड होना है. इनमें पहला नंबर धर्मेंद्र सिंह छवई का है. दूसरा दर्शन सिंह मरावी और तीसरा यशपाल सिंह का नाम है. इसके बाद उमेश चौधरी, मनोज खिलारी और रवि कुरे हैं. छवई मध्यप्रदेश पीएससी से 1996 में डीएसपी सलेक्ट हुए थे.
डीजीपी के निर्देश के बाद नहीं ली ज्वाइनिंग
24 अगस्त 2020 को प्रदेश भर के एडिशनल एसपी का तबादला किया गया था. जिनमें यशपाल सिंह को बीजापुर का एडिशनल एसपी बनाया गया था. आदेश के बाद भी आज तक वहां ज्वाइनिंग नहीं की है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक 12 दिनों के अंदर उन्हें ज्वाइनिंग देनी थी. इसको लेकर डीजीपी ने सभी एसपी को एक पत्र जारी कर कड़ी आपत्ति भी जताई है. और ज्वाइनिंग नहीं करने वाले पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है. अब इस मामले में इन पर कार्रवाई होगी या नहीं देखने वाली बात है.
पहले भी 2 IPS को जारी हुआ है नोटिस
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इससे पहले भी बस्तर में पोस्टिंग के बाद ज्वाइन नहीं लेने के मामले में आईपीएस संजय तिवारी और आईपीएस बीटीएफ पोसारिया को इस मसले पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. ज्वाइन नहीं देने पर नोटिस में कहा गया था कि क्यों न आपको सस्पेंड कर दिया जाए ?