लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इस समय दो आईपीएस फरार चल रहे हैं। ऐसे में अपराधी पुलिस से कितना डरेंगे ये सवाल लाजिमी है।
आखिरकार लंबे समय से निलंबित चल रहे डीआईजी अरविंद सेन को न्यायिक हिरासत में नौ फरवरी तक के लिए जेल भेज दिया गया। भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट के विशेष न्यायाधीश संदीप गुप्ता ने यह आदेश दिया। दरअसल, उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने और इस रैकेट के सरगना को बचाने के लिए आईपीएस अरविंद सेन ने 35 लाख रुपये की रिश्वत ली थी। जिसके बाद पुलिस को उनकी तलाश थी।
अरविंद सेन लंबे समय से फरार चल रहे थे। कोर्ट खुलते ही आईपीएस अरविंद सेन नाटकीय तरीके से कोर्ट में हाजिर हो गए। इंदौर के कारोबारी मंजीत सिंह भाटिया को पशुपालन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये ठगे गए। इस मामले को मैनेज करने के लिए आईपीएस ने पचास लाख रुपये मांगे थे। जिसमें आईपीएस को 35 लाख घूस दी गई थी। इस मामले में आरोपी आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन फरार चल रहे थे।