पटना। IRCTC होटल घोटाले मामले में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में फैसला कुछ ही घंटों के बाद सुनाया जाएगा। आज यानी 7 अगस्त, 2025 को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में IRCTC होटल घोटाले के मामले में फैसला सुनाया जाएगा। इससे पहले इस मामले में 29 मई को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। 5 अगस्त को कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद अब मामले पर आज अंतिम निर्णय आना है।
यह मामला 2005-06 के दौरान का है, जब लालू प्रसाद यादव भारतीय रेलवे के मंत्री थे। उस समय रेलवे के पुरी और रांची स्थित BNR होटल को IRCTC को लीज पर ट्रांसफर किया गया था। इसके बदले, यह योजना बनाई गई थी कि इन होटलों का रख-रखाव और सुधार मेसर्स सुजाता होटल्स नामक कंपनी को दिया जाएगा, जो विनय कोचर की कंपनी थी। टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी और नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। इस प्रक्रिया को IRCTC के तत्कालीन MD, पीके गोयल ने पूरा किया था।
जांच शुरू की थी सीबीआई ने
सीबीआई ने इस मामले में 17 जुलाई 2017 को FIR दर्ज की थी और लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, उनके बेटे तेजस्वी यादव सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू की थी। जांच के दौरान यह सामने आया कि लालू प्रसाद ने कोचर बंधुओं को होटल लीज पर दिलवाने के बदले पटना में 3 एकड़ जमीन ली थी। यह जमीन बाद में कोचर बंधुओं की एक कंपनी द्वारा सरला गुप्ता की कंपनी को बेच दी गई। इसके बाद यह जमीन राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव की कंपनी के पास आ गई, और अब इस पर बिहार का सबसे बड़ा मॉल बनने की प्रक्रिया चल रही है।
सीबीआई का मानना था एक बड़ा घोटाला था
सीबीआई के आरोप हैं कि यह पूरी प्रक्रिया एक बड़ा घोटाला थी, जिसमें नियमों की अनदेखी की गई और गलत तरीके से लाभ उठाया गया। इस घोटाले में आरोपियों को 7 साल तक की सजा हो सकती है, अगर कोर्ट में सीबीआई पर्याप्त सबूत पेश करती है।
लालू को मिली थी जमानत
लालू प्रसाद यादव इस मामले में 2019 से जमानत पर हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें और राबड़ी देवी को जमानत दे दी थी, लेकिन अब इस मामले में अदालत का अंतिम निर्णय आने वाला है।
दोषी मिलने पर क्या होगी सजा
इस फैसले से न केवल लालू परिवार, बल्कि बिहार की राजनीति और आर्थिक स्थितियों पर भी गहरा असर पड़ेगा। अगर रोपी दोषी पाए जाते हैं, तो यह एक बड़े राजनीतिक और कानूनी घोटाले के रूप में इतिहास में दर्ज होगा। ट्रायल के दौरान अगर CBI की ओर से कोर्ट में पर्याप्त सबूत और गवाह प्रस्तुत किए गए होंगे तो आरोपी को 7 साल तक की सजा हो सकती है। इसके साथ ही तेजस्वी यादव की भी मुश्किलें बढ़ सकती है। हालांकि, लालू प्रसाद इस मामले में साल 2019 से जमानत पर हैं।
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