IRDA New Rule News : नए साल से किसी भी तरह की बीमा पॉलिसी (Insurance Policy) खरीदने के लिए केवाईसी देना जरूरी होगा. इसके बिना ग्राहक कोई भी पॉलिसी नहीं खरीद पाएंगे. इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने कहा कि 1 जनवरी से ग्राहकों को जीवन बीमा, वाहन और स्वास्थ्य सहित सभी तरह की बीमा पॉलिसी (Insurance Policy) खरीदने के लिए केवाईसी देना जरूरी होगा.

वर्तमान में, किसी भी गैर-जीवन या सामान्य बीमा जैसे स्वास्थ्य, वाहन या यात्रा बीमा पॉलिसी (Insurance Policy) खरीदने के लिए केवाईसी की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, अगर किसी स्वास्थ्य बीमा के संबंध में दावा (दावा) एक लाख रुपये से अधिक है, तो ऐसी स्थिति में पॉलिसीधारकों को पैन और आधार कार्ड देना जरूरी है. Read More – नए साल से पहले विमान कंपनियों ने किराया दोगुना बढ़ाया …

इरडा के फैसले का मतलब है कि अब क्लेम से पहले केवाईसी का नियम सिर्फ पॉलिसी खरीदते समय ही लागू होगा. यह नियम उन लोगों पर भी लागू होगा जिनके पास पहले से पॉलिसी है. अगर यह कम जोखिम वाली पॉलिसी है तो पॉलिसीधारक के लिए दो साल के भीतर केवाईसी पूरा करना होगा. अन्य ग्राहकों और हाई रिस्क पॉलिसी के ग्राहकों के लिए एक साल का समय दिया गया है. इसके लिए बीमा कंपनी को मैसेज और ईमेल के जरिए जानकारी देनी होगी.

नवीनीकरण के लिए भी केवाईसी जरूरी है

इस नियम के मुताबिक अगर आपकी पॉलिसी को 1 जनवरी 2023 के बाद रिन्यू कराना है तो आपको केवाईसी करवाना होगा. इसके लिए फोटो पहचान पत्र और पते संबंधी दस्तावेज बीमा कंपनी को जमा कराने होंगे. अगर आप केवाईसी नहीं कराते हैं तो न तो आप नई पॉलिसी खरीद पाएंगे और न ही इसे रिन्यू करा पाएंगे. पुराने ग्राहकों को दस्तावेज जमा करने के लिए एक से दो साल का समय मिलेगा.  Read more – Video : एयरपोर्ट पर स्पॉट किए गए Kiara Advani और Sidharth Malhotra, नए साल का जश्न मनाने निकला कपल!

50 हजार से ज्यादा प्रीमियम पर पैन कार्ड देना होता है

अभी जिन पॉलिसीधारकों का एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपए या उससे अधिक का प्रीमियम है, उन्हें पैन कार्ड या फॉर्म 60 जमा करना होता है. जानकारों का कहना है कि इस नई गाइडलाइन से दावों का निपटारा जल्दी होगा. इससे ग्राहकों को फायदा होगा.

साथ ही किसी भी तरह के फ्रॉड से बचने में मदद मिलेगी. पॉलिसीधारकों को दावों के समय कोई केवाईसी प्रदान करने की आवश्यकता नहीं होगी. बीमा कंपनियों के लिए यह राहत की बात होगी कि वे किसी भी समय ग्राहकों की विभिन्न नीतियों से संबंधित इतिहास देख सकेंगी.