छत्तीसगढ़ की विडंबना देखिए एक तरफ महिला बाल विकास विभाग कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने के लिए कई अभियान चला रहा है, वहीं जशपुर में पोषण माह संचालित किया जा रहा है. लेकिन इसी दौरान कुपोषण का शिकार हुई एक पहाड़ी कोरवा बच्ची की मौत हो गई. ये बच्ची बगीचा क्षेत्र की रहने वाली बताई जा रही है.बता दें कि पहाड़ी कोरवा को राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र का दर्जा हासिल है.

इस मामले में कलेक्टर जशपुर महादेव कावरे का कहना है कि जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उस पर कार्रवाई की जाएगी. खैर कार्रवाई तो होती रहेगी. लेकिन कुपोषण का शिकार हुई एक बच्ची की जान चली गई जो अब लौटकर नहीं आएगी.

परिवार के अन्य सदस्य भी कुपोषण का शिकार

जानकारी के मुताबिक जशपुर जिले में कुपोषण की दर 16 प्रतिशत है. जिले के नगर पंचायत बगीचा के वार्ड 10 में रहने वाले पहाड़ी कोरवा बस्ती में सनु कोरवा अपने 5 बच्चों के साथ जीवन यापन करता है. पौष्टिक भोजन के अभाव में उसके पांचों बच्चे कुपोषण के शिकार बन गए है, उनमें एक बच्ची पद्मा ने सोमवार को कुपोषण से लड़ते हुए जिंदगी की जंग हार गई.

15 वर्षीय पद्मा भी लंबे समय से कुपोषण का शिकार थी. 4 दिन पहले पहाड़ी कोरवा बच्ची की तबीयत अधिक खराब हुई थी। इसके कारण उसका शरीर सूजकर पीला पड़ गया था और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. रविवार को उसे उल्टी होने लगी और अगले दिन बुखार से पीड़ित हो गई. सोमवार को पीड़ित बच्ची की सांसें तेज चलने लगी और परिजन स्थानीय लोगों की मदद से बच्ची को बगीचा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.