हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर के ट्रामा सेंटर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में आयुष्मान योजना के तहत हो रही गड़बड़ियों का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। भोपाल स्वास्थ्य विभाग ने वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल को नोटिस जारी किया है। जिसमें अस्पताल के डॉ एक एंबुलेंस चालक को मरीज लाने पर कमीशन देने की बात करते हुए दिखाई दिए थे। वीडियो में सरकारी अस्पताल से मरीजों को ट्रामा सेंटर रेफर करने और बदले में कमीशन देने की बातचीत स्पष्ट रूप से सामने आई। इसके बावजूद, इंदौर का स्वास्थ्य विभाग अभी तक जांच शुरू नहीं कर पाया है। हालांकि, इंदौर कलेक्टर ने अब इस मामले में जांच कराने की बात कही है। सूत्रों का कहना है कि जांच में गड़बड़ी साबित होने पर अस्पताल को सील किया जा सकता है।
संचालक का कबूलनामा, स्टाफ हटाने की बात, लेकिन डॉक्टर तुलसी पटेल अब भी मौजूद
लल्लूराम डॉट कॉम से एक्सक्लूसिव बातचीत में अस्पताल के संचालक ने माना कि अस्पताल में कुछ अनियमितताएं चल रही थीं और इसी कारण संबंधित स्टाफ को हटाया गया है। हालांकि, सूत्रों की मानें तो अभी तक डॉक्टर तुलसी पटेल को अस्पताल से नहीं हटाया गया है। जब Lalluram.com की टीम अस्पताल में डॉक्टर तुलसी पटेल से बात करने पहुंची थी तो रिसेप्शन पर मौजूद अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि डॉक्टर पटेल अभी ऑपरेशन थिएटर में ऑपरेशन कर रहे हैं, उनका फोन बिजी आ रहा है। थोड़ी देर में बात कर बताते हैं।
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इसके थोड़ी देर बाद अस्पताल संचालक डॉ कमल गहलोत ने सफाई देते हुए कहा कि कोई कर्मचारी अगर अस्पताल के बाहर जाकर कुछ भी कह देता है तो उसकी हमारी कोई जवाबदारी नहीं है। हमारे अस्पताल में इस तरह का कोई काम नहीं किया जाता और तुलसी पटेल हमारे अस्पताल में क्लास 3 के कर्मचारी हैं, लेकिन इस पूरे मामले में अब अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़े होते हैं कि जब रिसेप्शन पर डॉक्टर का नाम पूछा जाता है तो वहां पर मौजूद स्टाफ ओटी रूम में ऑपरेशन करने की बात कहता है।
कहीं ना कहीं अस्पताल में बड़ी गड़बड़ियां आंदोलन तौर पर चल रही हैं, जिसकी जांच होना जरूरी है। इस के साथ ही डॉ तुलसी पटेल और राहुल चौधरी पर गंभीर आरोप हैं कि वे सरकारी अस्पतालों से मरीजों को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराने के बदले एंबुलेंस चालकों को कमीशन देते थे। वायरल वीडियो में भी अस्पताल से जुड़े एक शख्स को कमीशन के पूरे खेल की पोल खोलते हुए साफ सुना जा सकता है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि इंदौर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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स्वास्थ्य विभाग ने साधी चुप्पी, अधिकारी ने नहीं उठाया फोन
लल्लूराम डॉट कॉम ने इस मामले में इंदौर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बीएस सेत्या से बात करने की कई बार कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। दो दिनों में कई बार कॉल करने के बावजूद उनका कोई जवाब नहीं आया।
बिल में भी गड़बड़ी, इंश्योरेंस मरीजों को भी बनाया जा रहा शिकार
सूत्रों से यह भी पता चला है कि अस्पताल में इलाज के नाम पर मरीजों से मनमानी राशि वसूली जा रही है और इंश्योरेंस के तहत आने वाले मरीजों के साथ भी कई अनियमितताएं हो रही हैं। अब देखना होगा कि स्वास्थ्य विभाग से नोटिस जारी होने के बाद अस्पताल द्वारा जवाब तो दिया गया है लेकिन अब इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग अस्पताल के जवाब से संतुष्ट होता है या नहीं और किसी प्रकार की कार्रवाई करता है यह देखना होगा।
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