रायपुर. भाजपा शासनकाल की गडबड़ियों पर भूपेश सरकार का प्रहार लगातार जारी है. ताजा घटनाक्रम में रिंग बनाकर बीज सप्लाई का टेंडर हासिल करने वाली कंपनियों की अमानत राशि राजसात करते हुए बीज निगम ने उन्हें अगले पांच सालों के लिए निविदा प्रक्रिया में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया है.
बीज निगम में ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया में इस गड़बड़ी का खुलासा कैग की रिपोर्ट के बाद हुआ था. बीज निगम के वर्ष 2012-13 से वर्ष 2016-17 का ऑडिट चेक करने के बाद महालेखाकार ने पाया कि कई बोलीदारों ने दो अलग-अलग कंपनी बनाकरटेंडर हासिल कर लिया है. इसमें मेसर्स बीजो शीतल सीड्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स कलश सीड्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक, कार्यालय का पता और फोन नंबर एक पाया गया. इसी तरह डीलक्स रिसाइकिलिंग प्राइवेट लिमिटेड और आशापुरा रिसाइकिलिंग सिस्टम मुंबई के फोन नंबर, पते और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स भी एक ही पाए गए.
वेबसाइट पर भी एक मालिक, एक पता
ऑडिट ऑब्जर्वेशन में की गई आपत्ति के बाद मेसर्स बीजो शीतल सीड्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स कलश सीड्स प्राइवेट लिमिटेड के ऑनलाइन अपलोड किए गए दस्तावेजों का पुनः परीक्षण कराया गया. इसमें दोनों संस्थाओं का पता एक ही पाया गया, जिसके बाद दोनों संस्थाओं को नोटिस जारी किया गया. दोनों ने एक ही बिल्डिंग कार्यालय होने पर स्पष्टीकरण दिया, लेकिन पते, फोन नंबर और फैक्स नंबर एक होने पर ठोस जवाब नहीं दे सके. इसी तरह नोटिस भेजे जाने पर डीलक्स रिसाइकिलिंग प्राइवेट लिमिटेड और आशापुरा रिसाइकिलिंग सिस्टम मुंबई के फोन नंबर, पते और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स एक समान होना स्वीकार किया.
पांच वर्ष के लिए लगाया प्रतिबंध
निविदा हासिल करने के लिए इन कंपनियों द्वारा की गई गड़बड़ी पर बीज निगम के एमडी जनमेजय मोहबे ने बताया कि मेसर्स आशापुरा रिसाइकिलिंग सिस्टम व मेसर्स डीलक्स रिसाइकिलिंग प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स बीजो शीतल व मेसर्स कलश सीड्स द्वारा जमा की गई सुरक्षा निधि को तत्काल प्रभाव से राजसात कर दिया गया है. ये 5 वर्ष किसी भी टेंडर में भाग लेने सकेंगे.