अमन शुक्ला. हरियाणा में BJP लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है. हरियाणा चुनाव (Haryana election) में बीजेपी सुनामी ऐसी आई कि कांग्रेस दूर बह गई. 90 सीटों वाले विधानसभा में बीजेपी 48 सीटों के साथ सत्ता बना ली. वहीं कांग्रेस सिर्फ 37 सीट पर सिमत कर रह गई. लेकिन इन सबके बीच अब सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की है कि क्या यूपी में होने वाले उपचुनाव में हरियाणा के परिणाम का प्रभाव देखने मिलेगा?
फिलहाल हरियाणा के नतीजे सामने आने के बाद सपा ने प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 6 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. अब सपा के इस कदम से कांग्रेस नाराज नजर आ रही है. दरअसल, इंडी अलायंस में सहयोगी होने के नाते कांग्रेस की उम्मीद थी कि प्रदेश में भी ये गठबंधन कायम रहेगा. लेकिन सपा की 6 लोगों की लिस्ट सामने आने के बाद इसके आसार तो नहीं दिख रहे हैं. अब महज 3 सीटें बची हैं जिसमें सपा को प्रत्याशियों का ऐलान करना है. अब कांग्रेस की मांग के मुताबिक उन्होंने सपा से 5 सीट की थी जो मांग की थी. इसमें से दो सीट तो चली गई है. अब बची 3 सीट में से समाजवादी पार्टी कांग्रेस को कितनी सीट देती है ये देखने वाली बात है. दोनों पार्टियों में सामंजस्य की कमी देखने को मिल रही है. क्योंकि कांग्रेस का कहना है कि प्रत्याशियों की घोषणा से पहले अखिलेश यादव ने इस संबंध में कांग्रेस से कोई बातचीत नहीं की थी.
बता दें कि कांग्रेस ने जिन सात सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है उनमें करहल, सीमामऊ, फूलपुर, मिल्कीपुर, कटेहरी और मझवां सीट शामिल है. कांग्रेस इन 6 सीटों में से 2 सीटों पर लड़ना चाहती थी. चर्चा है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय खुद मझवां सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन फिलहाल सपा ने कांग्रेस की इस मंशा पर पानी फेर दिया है. सियासी गलियारों में चल रही चर्चा के मुताबिक सपा कुंदरकी और मीरापुर सीट पर भी अपना ही प्रत्याशी उतार सकती है. यानी यानी सपा कांग्रेस की झोली में महज एक ही सीट डाल सकती है. जो कि गजियाबाद की है.
इन लोगों को मिला मौका
पार्टी ने मैनपुर जिले की करहल से तेज प्रताप यादव को टिकट दी है. हालांकि इसकी घोषणा पहले ही पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने कर दी थी. बता दें कि तेज प्रताप यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दामाद भी हैं. वे अखिलेश यादव के भतीजे भी हैं. करहल विधानसभा सीट सपा मुखिया अखिलेश यादव के सांसद बनने के बाद खाली हो गई थी. यहां से पार्टी ने तेज प्रताप को मैदान में उतारा है.
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इसी तरह पार्टी ने सीमामऊ से नसीम सोलंकी, फूलपुर से मुस्तफा सिद्दकी, अयोध्या की मिल्कीपुर से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मौका दिया है. इसके अलावा कटेहरी से शोभावती वर्मा और मंझवा से रमेश बिंद के बेटे डॉ. ज्योति बिंद को टिकट दी गई है.
इन सीटों पर होना है उपचुनाव
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, कुंदरकी, करहल, कटेहरी, मिल्कीपुर, सीसामऊ, मझवां और फूलपुर सीट पर उपचुनाव होने हैं. इनमें से नौ सीटें विधायकों के सांसद बनने से खाली हुई हैं. एक सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा मिलने के कारण खाली हुई है.
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