प्रेग्नेंसी के दौरान चटपटा मसालेदार खाने की क्रेविंग होना आम बात है, खासतौर से स्ट्रीट फ़ूड और स्पेशलि गोलगप्पे, लेकिन इसे लेकर कुछ अहम सावधानियां बरतना बेहद ज़रूरी है क्योंकि इस समय महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत एकदम संवेदनशील होती है। आइए आज हम जानते हैं की क्या प्रेग्नेंसी में गोलगप्पे खाना सुरक्षित है?
बाहर के गोलगप्पे या चाट से परहेज क्यों जरूरी है
साफ-सफाई की कमी
स्ट्रीट फूड में इस्तेमाल किया जाने वाला पानी, मसाले और बर्तन कई बार ठीक से साफ नहीं होते, जिससे बैक्टीरिया या इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
पानी का स्रोत संदिग्ध होता है
गोलगप्पे का तीखा पानी अगर गंदे या संक्रमित पानी से बना हो, तो इससे डायरिया, फूड प्वाइजनिंग और डिहाइड्रेशन हो सकता है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए गंभीर हो सकता है।
तेल में तली चीज़ें पचने में भारी होती हैं
गोलगप्पे के सूखे हिस्से (पानीपुरी) को बार-बार गर्म किए गए तेल में तला जाता है, जिससे उसमें ट्रांस फैट्स बनते हैं जो पाचन में समस्या और गैस, अपच जैसी दिक्कतें पैदा कर सकते हैं।

क्या करें अगर बहुत क्रेविंग हो रही हो?
घर पर बनाएं हेल्दी गोलगप्पे : साफ पानी से पानीपुरी का पानी तैयार करें (उबला हुआ या फिल्टर्ड पानी)इमली, पुदीना, काला नमक और हींग जैसी चीज़ों से स्वाद लेंउबले आलू, चने या मूंग डालकर हेल्दी फिलिंग बनाएंभुने हुए सूजी के गोलगप्पे या बेक्ड विकल्प चुनें
मसाले कम और पाचनवर्धक रखें
तीखापन कम करें और पाचन में मदद करने वाले मसालों जैसे जीरा, अजवाइन, सौंठ आदि का इस्तेमाल करें।
डकार, गैस या अपच हो तो तुरंत रोकें
अगर घर का भी गोलगप्पा खाने के बाद जलन, एसिडिटी या भारीपन लगे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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