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दिल्ली नगर निगम (MCD) ने उन खबरों को गलत बताया है, जिनमें कहा जा रहा था कि नगर निगम ने लोगों को संपत्ति कर का भुगतान करने से छूट दे दी है. MDC ने यह भी कहा कि सभी संपत्ति मालिकों और कब्जाधारियों को मौजूदा कानूनों के अनुसार ऐसा करना चाहिए. शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में नगरीय निकाय ने शहरवासियों से कहा कि वे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर भ्रामक खबरों पर ध्यान नहीं देंगे.
एमसीडी ने एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘संपत्ति कर सभी कब्जाधारियों और मालिकों द्वारा देय है, और इसके भुगतान में किसी तरह की कोई छूट नहीं दी गई है,’ नगर निगम कर्मचारियों के लंबित वेतन और ठेकेदारों के बकाए सहित बढ़ती हुई वित्तीय चुनौतियों के बीच, संपत्ति कर एक महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत है, जो उसकी कुल आय का लगभग एक-चौथाई योगदान देता है.
एमसीडी को संभावित छूट को लेकर बहुत से लोगों द्वारा की गई पूछताछ के बाद इस बारे में स्पष्टीकरण देना पड़ा. उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कर ढांचे को फरवरी में अंतिम रूप दिया गया था, जबकि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए शुल्क 13 फरवरी, 2025 को एक बैठक में निर्धारित किए गए थे.
14,000 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया होने के कारण नगरीय निकाय ने स्वच्छता, सड़क रखरखाव और जल निकासी प्रणाली जैसी महत्वपूर्ण नागरिक सेवाओं को बनाए रखने के लिए वित्तीय स्थिरता की आवश्यकता पर जोर दिया. एमसीडी ने सभी संपत्ति मालिकों और कब्जाधारियों से आग्रह किया है कि वे स्व-मूल्यांकन (सेल्फ असेसमेंट) के आधार पर अपना संपत्ति कर रिटर्न दाखिल करें, ताकि वे पेनल्टी से बच सकें. 31 मार्च, 2025 तक.
सप्ताह की शुरुआत में, मंगलवार को एमसीडी में सदन की बैठक में आम आदमी पार्टी और भाजपा के सदस्यों के बीच सत्र की वैधता और AAP द्वारा दो महत्वपूर्ण प्रस्तावों को प्रस्तुत करने को लेकर तीखी बहस हुई. उस समय, AAP ने संपत्ति कर माफी की बड़ी मांग की और हजारों संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग की.
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विधानसभा की कार्यवाही के बाद आम आदमी पार्टी के मेयर महेश कुमार खिंची ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सदन ने एमसीडी में सभी संविदा कर्मियों को नियमित करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है. उन्होंने कहा कि सदन में 70 से अधिक AAP पार्षद थे, इसलिए बैठक के लिए आवश्यक कोरम था. उन्होने कहा कि सत्र समय पर शुरू हुआ, लेकिन अराजकता के कारण फिर से बाधित हुआ. भाजपा नेताओं ने मेयर के दावे को खारिज करते हुए कहा कि प्रस्तावों को सही कानूनी प्रक्रिया से पारित नहीं किया गया था.
भाजपा के नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा, ‘प्रस्ताव पारित करने की आधिकारिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. मेयर का दावा निराधार है.’ बाद में सिंह ने शाम को एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार को पत्र लिखकर दिन की कार्यवाही को ‘अमान्य और निरस्त’ घोषित करने की मांग की.
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