टुकेश्वर लोधी, अभनपुर। छत्तीसगढ़ के आरंग विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत भिलाई स्थित मोदी बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड एक बार फिर विवादों में है. दो महीने पहले कृषि विभाग और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने छापा मारकर 550 बोरी अवैध उर्वरक को जब्त किया था. जब्त यूरिया को रायपुर कलेक्टर ने राजसात करने का आदेश दिया था. सोमवार को नीलामी के लिए गठित टीम ग्राम भिलाई पहुंची और नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई.

हैरानी की बात है कि इस पूरी कार्रवाई की जानकारी क्षेत्रीय विधायक इंद्रकुमार साहू तक को नहीं दी गई है. इस दौरान ग्रामीणों ने कृषि विभाग और मोदी बायोटेक कंपनी के साठगांठ होने का आरोप लगाया है.  ग्रामीणों ने मोदी बायोटेक प्लांट में उर्वरक से जहरीला पेयपदार्थ बनाए जाने का आरोप भी लगा रहे है. नीलामी की पूर्व सूचना ग्रामीणों को नहीं दी गई थी जिससे कई किसान नीलामी में भाग लेने से वंचित हो गए. पूरे मामले में कृषि विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है. मोदी बायोटेक में 24.75 मेट्रिक टन अर्थात 550 बोरी यूरिया का अवैध भंडारण पकड़ा गया है,कृषि विभाग और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम द्वारा किए गए कार्यवाही में कई सवाल ऐसे है जो जांच टीम की कार्यप्रणाली पर संदेह पैदा करता है.

1. इतनी भारी मात्रा में यूरिया के अवैध भंडारण की जानकारी मिलने के बाद कार्रवाई करने वाले अधिकारियों द्वारा यह पता लगाने का प्रयास क्यों नहीं किया गया कि मोदी बायोटेक में 550 बोरी यूरिया कहां से स्मगल किया गया था?

2. किसानों के लिए सुरक्षित 550 बोरी उर्वरक के अवैध भंडारण तथा स्मगलिंग में मोदी बायोटेक के कौन-कौन से अधिकारी, कर्मचारी, मैनेजर अथवा मालिक संलिप्त हैं?

3. इस अवैध भंडारण व स्मगलिंग में संलिप्त मोदी बायोटेक के कर्मचारी अथवा मैनेजर अथवा मालिक के साथ किन-किन शासकीय अधिकारी/कर्मचारी की मिली भगत रही है. 

4. इतनी भारी मात्रा में उर्वरक का अवैध भंडारण कर किसानों को कष्ट पहुंचाने वाले और शासन को क्षति पहुंचाने वालों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3 वर्ष 7 के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की गई? 

5. प्रकरण में भारतीय न्याय संहिता के तहत चोरी व तस्करी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत विद्यमान प्रावधानों के तहत कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही?

6. क्यों धारा 6 ए 2 के तहत राजसात  व नीलामी की प्रक्रिया मात्र करके प्रकरण में लीपा पोती का प्रयास किया जा रहा है? प्रशासनिक अधिकारी किसके दबाव में, किन्हे बचाने का प्रयास कर रहे हैं?

7. स्थानीय विधायक व सांसद को इस बारे में सूचना क्यों नहीं दी गई? क्या जिम्मेदार अधिकारी इस बात से भयभीत है कि विधायकों और सांसदों को सूचना मिल जाने से दोषियों को बचाया जाना संभव नहीं हो पाएगा.??