चंद्रकांत देवांगन, दुर्ग। नववर्ष की पहली सुबह जिस दोहरे हत्याकांड ने शहर के साथ ही पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था. जब इस हत्याकांड का खुलासा हुआ तो हत्यारे बेटे का नाम सुनकर लोगों का कलेजा मुंह को आ गया.

नगपुरा पार्श्वतीर्थ के ट्रस्टी रावलमल जैन व उनकी पत्नी सुरजीबाई का कातिल जब उनका सगा बेटा संदीप ही निकला तो एकबारगी लोगो को विश्वास ही नहीं हो पाया कि आखिर कैसे एक औलाद अपने माता पिता की इस दरिंदगी से हत्या कर सकता है. जैसे ही घटना की जानकारी पुलिस को हुई मौके पर पुलिस के आला अधिकारी एसपी,आईजी समेत कई पुलिस अधिकारी घटना स्थल पर पहुंच गए थे. और पुलिस ने मामले की गुत्थी चंद घंटों में ही सुलझा ली.

जिसके बाद कई घंटों तक इस हत्याकांड का खुलासा नहीं किया गया. प्रदेश के मुखिया रमनसिंह ने जैन दंपत्ती की हत्या पर शोक व्यक्त किया और खुद उनकी अंत्येष्टि में नगपुरा पहुंच कर श्रद्धांजलि दी. अंत्येष्टि के पूरे कार्यक्रम के बाद पुलिस ने औपचारिक तौर पर मामले का खुलासा भिलाई के कंट्रोल रूम में किया.

अक्सर आरोपियों को कान्फ्रेंस में लाकर अपनी पीठ थपथपाने वाली पुलिस इस कान्फ्रेंस से आरोपी बेटे को नदारद रखा. इस दौरान पुलिस ने आरोपी बेटे की मानसिक स्थिति को ठीक न होना बताते हुए कान्फ्रेंस में लाने की वजह बताई और दूसरे दिन भी चुपचाप आरोपी बेटे को न्याायलय में पेश कर दिया.

पुलिस ने इस पूरे हत्याकांड में बाप बेटे की आपसी कलह को वजह बताया संपत्ति से बेदखली की धमकी और पानी के नाम पर शुरू हुआ विवाद माँ बाप की हत्या तक पहुंचना बताया. पुलिस की कहानी को मीडिया ने उसी आधार पर प्राथमिकता देते हुए प्रसारित भी किया. हालांकि जिस तरह पुलिस ने इस पूरे मामले में फूर्ती दिखाई और आरोपी को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर चुपचाप तरीके से कोर्ट में पेश कर दिया इससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर पुलिस ने आरोपी को मीडिया से बात क्यों नहीं करने दी? क्या पुलिस ने जो थ्योरी बताई वह सच है या फिर कहानी कुछ और ही है?

देखिए वीडियो

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