रायपुर- यूं तो देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ही बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे माने जाते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में डाॅक्टर रमन सिंह बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे के रूप में देखे गए. दरअसल बीजेपी की चुनावी सभाओं के आंकड़ों पर नजर डालें, तो रमन सिंह ने जहां 75 चुनावी सभाएं ली हैं, तो वहीं पीएम मोदी ने चार और शाह ने कुल नौ सभाएं ली हैं. ऐसे में सियासी गलियारों में ये सवाल उठाया जा रहा है कि क्या छत्तीसगढ़ में मोदी-शाह का चेहरा फीका पड़ गया है?

डाॅक्टर रमन सिंह बीजेपी सरकार में तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं. देश में बीजेपी शासित राज्यों में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकार्ड भी रमन के नाम पर ही है. बीते 15 सालों में बतौर मुख्यमंत्री रमन सिंह ने प्रदेश में एक बड़े चेहरे के रूप में अपनी पहचान स्थापित की है. राजनीतिक विश्लेषक भी यह मानते हैं कि लोकप्रियता के पैमाने में रमन से बड़ा चेहरा छत्तीसगढ़ में किसी भी राजनीतिक दल के पास नहीं है. बीजेपी के आला सूत्र बताते हैं कि चुनाव के पहले पार्टी ने अपनी आंतरिक बैठक में यह माना कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह की बजाए रमन सिंह का चेहरा सामने रखकर चुनाव लड़ने पर संगठन को बड़ा सियासी फायदा होगा. यही वजह रही कि डाॅक्टर रमन सिंह न केवल मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट किए गए बल्कि बीजेपी के पूरे प्रचार में रमन का ही डंका पीटा गया.

बीजेपी की सभी होर्डिग्स में डाॅक्टर रमन सिंह का चेहरा और उनके नेतृत्व में 15 साल की सरकार में अर्जित उपलब्धियां ही बीजेपी का सबसे बड़ा चुनावी हथियार बना. डाॅक्टर रमन सिंह ने ही पूरे चुनावी अभियान की अगुवाई भी की. यही वजह है कि प्रदेश की सभी 90 विधानसभा सीटों पर डाॅक्टर रमन सिंह ने आक्रामक प्रचार किया है. चुनाव प्रचार शुरू होने के दौरान रमन ने अपने एक बयान में कहा था कि- जब तक प्रचार अभियान थम नहीं जाता, मेरा हेलीकाॅप्टर उड़ता रहेगा.

बीजेपी के तमाम स्टार प्रचारकों की चुनावी सभाओं के आंकड़ों में डाॅक्टर रमन सिंह के बाद सर्वाधिक सभाएं हास्य कवि सुरेंद्र दुबे की हुई. उन्होंने प्रदेशव्यापी कुल 54 सभाएं ली हैं. बीजेपी ने इस चुनाव में हिन्दुत्व के मुद्दे पर को भी एजेंडा बनाया और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर सभाएं कराई. योगी आदित्यनाथ ने पूरे चुनावी अभियान के दौरान 24 सभाएं ली हैं. वहीं इस क्रम में भोजपुरी के प्रसिद्ध गायक और दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी भी रहे. उन्होंने भी 24 सभाएं लेकर पार्टी के लिए समर्थन जुटाने की कवायद की. केंद्रीय राज्य मंत्री विष्णुदेव साय ने भी 24 सभाएं ली है. वहीं इसके बाद सर्वाधिक सभा लेने वाली शख्यित रहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी. स्मृति ईरानी ने छत्तीसगढ़ में बतौर स्टार प्रचारक 20 सभाएं ली. वहीं के बी सिंह ने 17 सभाओं को संबोधित किया.

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दूसरे दौर के चुनावी मुकाबले में चार दिनों के प्रवास के दौरान कुल 10 सभाओं को संबोधित करते हुए बीजेपी के पक्ष में समर्थन जुटाने की कोशिश की. सुषमा स्वराज ने 2, उमा भारती ने 1, जुएल उरांव ने 2, रविशंकर प्रसाद ने 2, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 7, बीजेपी प्रदेश प्रभारी अनिल जैन ने 2, अर्जुन मुंडा ने 4, रामकृपाल यादव ने 10, हेमामालिनी ने 4, प्रकाश जावड़ेकर ने 3, बाबुल सुप्रीयो ने 5 सभाओं को संबोधित किया है.

इसके अलावा प्रदेश संगठन के स्टार प्रचारकों में राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडेय ने 1, अभिषेक सिंह ने 1, दिनेश कश्यप ने 2, रमेश बैस ने 2, धरमलाल कौशिक ने 1, रामप्रताप सिंह ने 2, चंदूलाल साहू ने 2, कमलभान सिंह ने 1, लखन साहू ने 1, रणविजय सिंह जूदेव ने 7, रामविचार नेताम ने 8, बंशीलाल साहू ने सभाएं ली हैं. इस तरह तमाम स्टार प्रचारकों ने बीजेपी के पूरे चुनावी अभियान के दौरान कुल 344 चुनावी सभाएं लेकर सरकार बनाने की अपील जनता से की.