रायपुर/कोरबा। कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत को हटाने की मांग को लेकर पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर द्वारा की गई शिकायत की जांच एक नए मोड़ पर पहुंच गई है। बिलासपुर संभागायुक्त सुनील कुमार जैन की अध्यक्षता वाली जांच समिति अभी रिपोर्ट तैयार कर रही है, लेकिन इस बीच एक नया तथ्य सामने आया है, जिसने पूरे मामले को और पेचीदा बना दिया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ननकीराम कंवर की शिकायत के बिंदु क्रमांक 5 में जिस प्रेमचंद पांडेय का उल्लेख किया गया था, उनके खिलाफ रायपुर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 174 के तहत मामला दर्ज किया है। यह धारा अहस्तक्षेपीय अपराध की श्रेणी में आती है, लेकिन परिवादी पक्ष ने रायपुर कोर्ट में परिवाद पत्र दाखिल कर दिया है, जिसे अदालत ने सुनवाई योग्य मानते हुए 11 नवंबर की तारीख तय की है।


बताया जा रहा है कि प्रेमचंद पांडेय ने मदनपुर टोल प्लाजा में कथित हिस्सेदारी को लेकर मेसर्स विनोद कुमार जैन नामक फर्म के साथ साझेदारी की थी। उन्होंने फर्म के खाते में लगभग ₹96 लाख 90 हजार रुपये जमा किए, लेकिन बाद में भुगतान और एग्रीमेंट को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया। आरोप है कि प्रेमचंद पांडेय ने विवाद के दौरान परिवादी को जान से मारने की धमकी दी थी।
दिलचस्प बात यह है कि प्रेमचंद पांडेय मार्च 2024 में ननकीराम कंवर के साथ कलेक्टर अजीत वसंत से मुलाकात करने गए थे। उस मुलाकात के बाद से ही ननकीराम कंवर कलेक्टर के खिलाफ खुलकर मुखर हो गए। प्रशासनिक गलियारों में चर्चा है कि उस बैठक के दौरान टोल प्लाजा में हिस्सेदारी से जुड़े मसले पर कलेक्टर पर दबाव बनाने की कोशिश की गई थी और जब कलेक्टर ने किसी प्रकार की रियायत देने से इंकार किया, तभी मतभेद बढ़े।
BJP प्रदेश अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद ननकीराम ने स्थगित किया था धरना
उल्लेखनीय है कि ननकीराम कंवर ने 22 सितंबर को मुख्यमंत्री को 14 बिंदुओं वाला शिकायत पत्र भेजकर कलेक्टर को तत्काल हटाने की मांग की थी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि तीन दिनों में कार्रवाई नहीं हुई तो वे मुख्यमंत्री निवास के सामने धरना देंगे। हालांकि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने अपना धरना स्थगित कर दिया।
वर्तमान में इस मामले की जांच जारी है और अब सबकी निगाहें संभागायुक्त सुनील कुमार जैन की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो तय करेगी कि कलेक्टर अजीत वसंत के खिलाफ लगाए गए आरोपों में कितनी सच्चाई है और क्या इस पूरे विवाद के पीछे कोई निजी स्वार्थ छिपा है।