रायपुर। आईएससीसीएम डे पर जागरूक रकने के उद्देश्य से हम आपको इंटेंसिविस्ट के बारे में बताने जा रहे हैं. इंटेंसिविस्ट एक प्रशिक्षित फिजिशियन होता है, जो बेहद गंभीर मरीजों की ख़ास देखभाल करता है, जिसे क्रिटिकल केयर फिजिशियन के नाम से भी जाना जाता है. एक इंटेंसिविस्ट के पास जटिल और गंभीर मरीजों के इलाज का आधुनिक प्रशिक्षण व अनुभव होता है.

एनएच एमएमआई अस्पताल डिपार्टमेंट ऑफ़ क्रिटिकल केयर मेडिसिन, सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर प्रदीप शर्मा बताते हैं कि एमबीबीएस करने के बाद इंटेंसिविस्ट एनेस्थिसियोलॉजी, इंटरनल मेडिसिन, पल्मोनरी मेडिसिन या पीडियाट्रिक आदि की स्पेशलिटी में डिप्लोमा करता है एमडी करता है या प्रैक्टिस करता है, साथ ही क्रिटिकल केयर मेडिसिन में अतिरिक्त अनुभव या फ़ेलोशिप लेता है.

अब सवाल यह है कि आखिर एक इंटेंसिविस्ट बाकी गंभीर मरीजों के इलाज के स्पेशलिस्ट्स से किस तरह अलग होता है. डॉ. शर्मा बतातें हैं कि किसी एक बॉडी सिस्टम पर केन्द्रित न होकर एक इंटेंसिविस्ट व्यापक रूप से आईसीयू के मरीज़ों की देखभाल करता है. एक इंटेंसिविस्ट पर बाकी स्पेशेलिस्ट्स की तरह आईसीयू के मरीजों की देखभाल के साथ साथ सलाहकार के रूप में भी प्राथमिक ज़िम्मेदारी होती है. इस भूमिका के अंतर्गत उसकी बाकी अलग अलग स्पेशलिटीज़ के साथ मरीज़ की देख-रेख कर रहे लोगों की टीम को नेतृत्व देने की होती है. वह मरीज़ की गंभीर स्थिति में उसकी की देख रेख में लगे लोगों द्वारा लिए जाने निर्णयों को भी देखता है और स्पेशलिस्ट्स के साथ साथ वे तमाम सेवायें जिनकी मरीज़ को ज़रूरत हो सकती है, उसमें सहयोग करता है.

एक इंटेंसिविस्ट आईसीयू केयर की गुणवत्ता में कैसे सुधार करता है? इस सवाल के जवाब में डॉ. शर्मा बताते हैं कि एक इंटेंसिविस्ट एविडेंस बेस्ड गाइडलाइन्स यानी साक्ष्यों पर आधारित दिशा निर्देशों का पालन करता है, जिसमें मल्टीस्पेशेलिटी टीम एप्रोच भी शामिल है, जिसके लाभ कुछ भी है, जैसे सर्वाइवल रेट या जीवन दर के साथ साथ मरीज़ों के आउटकम में सुधार जटिलताओं में कमी आईसीयू में मरीज़ के रहने की अवधि कम मेडिकेशन सुरक्षा में बढ़ोतरी भारत में अधिकतर इंटेंसिविस्ट एनेस्थिसियोलॉजिस्ट हैं, क्योंकि वे ऐवे, वसोप्रेस्सेर और पेन मैनेजमेंट आदि में प्रशिक्षित हैं, जो क्रिटिकल केयर का ज़रूरी हिस्सा माने जाते हैं. वे हृदय और श्वसन के रिससिटेशन में भी दक्ष होते है.