Pakistan–Bangladesh Relations: भारत को घेरने के लिए शुरू की गई पाकिस्तान और बांग्लादेश की कूटनीति मुंह के बल गिरी है। 13 सालों के बाद बांग्लादेश पहुंचे पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार (Ishaq Dar Bangladesh Visit) को बांग्लादेश में कूटनीति का कड़वा डोज चखना पड़ा है। पाकिस्तान और बांग्लादेश ने अपनी पुरानी कड़वाहत को भुलाते हुए पहले को दोस्ती का दावा किया। इसके बाद दावत में जमकर मुर्ग मुसल्लम उड़े। हालांकि पाकिस्तान-बांग्लादेश के भाई-‘चारा’ शुरू होने से पहले तल्ख हो गया। पाक के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार के ढाका में मौजूद रहने के दौरान ही बांग्लादेश ने कहा कि आप यह उम्मीद नहीं करते कि 54 सालों से अनसुलझे मुद्दे आज एक ही बैठक में सुलझ जाएंगे। खासकर वह बैठक जो 12 या 13 साल बाद हुई। ये सुनते ही पाकिस्तान को धक्का लगा।

दरअसल बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 1971 में हुए जनसंहार के लिए माफी मांगने को कहा है। दरअसल, PAK उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार बांग्लादेश दौरे पर गए थे। यहां उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश के साथ 1971 का विवाद हल निकल चुका है। हालांकि बांग्लादेश ने पाकिस्तान के दावे को खारिज कर दिया है। विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने साफ कहा कि पुराने मुद्दों को सुलझाकर ही दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्ते बनाए जा सकते हैं।

बांग्लादेश के दौरे पर आए पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार ने ढाका में दावा किया कि 1971 की जंग के लिए पाकिस्तान की ओर से मांफी मांगने का मुद्दा दो बार सेटल किया जा चुका है। हालांकि मेजबान बांग्लादेश को अपने मेहमान की दलील पसंद नहीं आई। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के सलाहकार ने कहा कि 54 साल के मसले को एक दिन में हल नहीं किया जा सकता है।

इशाक डार के इस दौरे की ढाका से लेकर इस्लामाबाद तक बड़ी चर्चा थी। पाकिस्तान के विदेश मंत्री का ये दौरा पहले इसी साल अप्रैल में होने वाला था। हालांकि पहलगाम हमले की वजह से भारत पाकिस्तान के बीच टेंशन हाई हो गया इसके बाद ये दौरा टल गया। इसके बीच ऑपरेशन सिंदूर हुआ. लेकिन पाकिस्तान-बांग्लादेश ने अपने रिश्तों की गर्माहट जारी रखी।

पाकिस्तान बुलाकर ढाका ने बदला डिप्लोमेसी का गियर

दरअसल पाकिस्तान बांग्लादेश के साथ रिश्तों को प्रगाढ़ कर भारत पर दबाव बनाए रखना चाहता था। इस लिहाज से 2012 में हुई पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार की यात्रा के 13 साल बाद हुई इशाक डार की इस यात्रा को पाकिस्तान ने खूब तव्वजो दी। बांग्लादेश ने भी भारत पर प्रेशर बनाए रखने के लिए अपनी कूटनीतिक स्वायत्तता का राग गाया और इशाक डार को आमंत्रित किया। दोनों मुल्कों ने दोस्ती की कसमें खाई, लेकिन जैसे ही इशाक डार बांग्लादेश पहुंचे, ढाका ने डिप्लोमेसी का गियर बदल दिया।

इशाक डार की यात्रा से पहले बांग्लादेश में इस बात की चर्चा थी कि पाकिस्तान 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान अपनी ज्यादतियों के लिए माफी मांगता है या नहीं। 1971 की जंग में पाकिस्तानी सेना पर हजारों बांग्लादेशी महिलाओं के साथ रेप, हत्या और आगजनी का आरोप लगा था।

ढाका में इशाक डार ने रविवार को होटल सोनार गांव में बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन से मुलाकात की। इसके बाद जब वे पत्रकारों से बात कर रहे थे तभी दोनों देशों के बीच अनसुलझे मुद्दों पर उनसे प्रश्न पूछा गया। इस पर इशाक डार ने कहा, “अनसुलझे मुद्दों के बारे में, मैं यही कहना चाहता हूं कि पहला समझौता 1974 में हुआ था।

काम नहीं पाकिस्तान की सफाई

लेकिन इशाक डार ने की सफाई को कुछ ही घंटों में बांग्लादेश ने साफ साफ खारिज कर दिया. और ये काम किया खुद उस शख्स ने, जिसने इशाक डार से मुलाकात की थी। यानी कि विदेश मंत्रालय के सलाहकार तौहीद हुसैन ने। तौहीद हुसैन ने पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार द्वारा 1971 से अनसुलझे मुद्दों के समाधान के दावे से असहमति जताई। उन्होंने कहा कि दोनों देश भविष्य में लंबित द्विपक्षीय मामलों पर चर्चा जारी रखेंगे। इस बयान से साफ है कि दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत अविश्वास भरे माहौल में हुई है।

बता दें कि इशाक डार ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ मोहम्मद युनूस से भी मुलाकात की है। बांग्लादेश की मीडिया के अनुसार दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की है।

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