ढाका। कट्टरपंथी इस्लामवादी समूह हिफाजत-ए-इस्लाम बांग्लादेश ने मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस को चेतावनी दी है कि अगर अंतरिम सरकार महिला मामलों के सुधार आयोग द्वारा किए गए “इस्लाम विरोधी” प्रस्तावों को लागू करने के लिए आगे बढ़ती है, तो उनके साथ अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना जैसा व्यवहार किया जाएगा.

हिफाजत की चेतावनी आयोग की हालिया रिपोर्ट के बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के दौरान आई, जिसके बारे में हिफाजत का दावा है कि यह इस्लामी कानून के खिलाफ है.

शुक्रवार को नारायणगंज में एक सभा को संबोधित करते हुए हिफाजत के संयुक्त महासचिव मामुनुल हक ने कहा, “हमने छह सुधार आयोगों में से पांच का स्वागत किया, लेकिन महिला मामलों के सुधार आयोग के प्रस्ताव चौंकाने वाले हैं. वे लैंगिक भेदभाव के लिए धार्मिक और सामाजिक मानदंडों को दोषी ठहराते हैं, जो इस्लामी कानून की स्पष्ट अस्वीकृति है.”

यूनुस का जिक्र करते हुए हक ने कहा, “हमने उनका सम्मान किया है, लेकिन अगर वह इस एजेंडे को आगे बढ़ाने पर जोर देते हैं, तो हम उनके साथ शेख हसीना से अलग व्यवहार करने के लिए बाध्य होंगे.”

हिफाजत नेताओं ने प्रस्तावों की निंदा करते हुए कहा कि ये कुरान और सुन्नत के सीधे विरोध में हैं. इस बीच खिलाफत मजलिस ने भी आयोग को खत्म करने का आह्वान किया. महासचिव अहमद अब्दुल कादर ने कहा, “यह कुरान और सुन्नत के खिलाफ है और मुसलमानों की धार्मिक पहचान को खतरा पहुंचाता है.”