Israel-Iran Tensions: इज़रायल और ईरान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव का असर अब वैश्विक बाजारों से होते हुए भारतीय शेयर बाजार पर भी साफ तौर पर दिखाई देने लगा है. शुक्रवार को निफ्टी 24,500 के नीचे खुला, हालांकि दिन के अंत में कुछ रिकवरी के साथ यह 24,700 के ऊपर बंद हुआ. इस उतार-चढ़ाव भरे सत्र में सबसे ज्यादा दबाव उन कंपनियों के शेयरों पर देखने को मिला, जिनके कारोबारी हित इज़रायल से जुड़े हैं.

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अडानी पोर्ट्स पर सीधा असर

देश की प्रमुख बंदरगाह और लॉजिस्टिक्स कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड को युद्ध के संभावित आर्थिक प्रभाव के कारण नुकसान उठाना पड़ा. शुक्रवार को इसके शेयरों में लगभग 3% की गिरावट दर्ज की गई और कीमत ₹1,402 पर आ गई. विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे मध्य पूर्व के व्यापार मार्गों पर निर्भरता और अंतरराष्ट्रीय कार्गो मूवमेंट की अनिश्चितता एक प्रमुख कारण है.

आईटी सेक्टर भी रडार पर (Israel-Iran Tensions)

बाजार उन भारतीय आईटी कंपनियों पर भी नजर रख रहा है, जिनके इज़रायल के साथ कारोबारी संबंध हैं. टीसीएस, इंफोसिस, टेक महिंद्रा और विप्रो जैसी कंपनियों के संचालन और क्लाइंट बेस में मध्य पूर्व की मजबूत उपस्थिति है, जिससे इन कंपनियों पर दबाव देखा गया. हालांकि गिरावट सीमित रही, लेकिन बाजार की सतर्कता इन कंपनियों के शेयरों में झलकती रही.

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फार्मा कंपनियों की स्थिति भी चर्चा में (Israel-Iran Tensions)

इज़रायल की टैरो फार्मास्युटिकल में बहुलांश हिस्सेदारी रखने वाली सन फार्मा शुक्रवार को निवेशकों के रडार पर रही. इसके अलावा डॉ. रेड्डीज और ल्यूपिन भी उन भारतीय फार्मा कंपनियों में शामिल हैं, जिनके कारोबारी संबंध किसी न किसी रूप में इज़रायल से जुड़े हैं.

टेवा जैसी जेनेरिक दवा निर्माता कंपनी के साथ इनकी भागीदारी के चलते बाजार ने इन्हें जोखिम वाले स्टॉक्स की श्रेणी में रखा है.

विविध क्षेत्रों की कंपनियां भी प्रभावित (Israel-Iran Tensions)

एनएमडीसी (खनन क्षेत्र), कल्याण ज्वेलर्स और टाइटन जैसी कंपनियों के शेयरों में भी अस्थिरता देखी गई, जो इज़रायल के साथ व्यापारिक संबंधों में सक्रिय हैं.

मध्य पूर्व आभूषण और उपभोक्ता उत्पादों के लिए एक प्रमुख निर्यात बाजार रहा है. तनाव बढ़ने से इन कंपनियों की बिक्री और लॉजिस्टिक्स पर असर पड़ सकता है.

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तेल और गैस क्षेत्र पर गहरा दबाव (Israel-Iran Tensions)

तनाव बढ़ते ही ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 12% से अधिक की उछाल देखी गई, जिससे तेल उत्पादों की मार्केटिंग और रिफाइनिंग कंपनियों पर प्रभाव पड़ा. इंडियन ऑयल (IOC) और भारत पेट्रोलियम (BPCL) को उच्च इनपुट लागत का जोखिम उठाना पड़ सकता है.

दूसरी ओर, तेल उत्पादन कंपनी ONGC को कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का लाभ मिला और इसके शेयर 3% की बढ़त के साथ बंद हुए.

क्या बाजार में और गिरावट आ सकती है? (Israel-Iran Tensions)

विश्लेषकों का मानना है कि यदि इज़रायल-ईरान तनाव और बढ़ता है, तो उसका प्रभाव सिर्फ कुछ कंपनियों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरा भारतीय बाजार इसकी चपेट में आ सकता है.

युद्ध, व्यापार मार्गों में बदलाव और ऊर्जा कीमतों में अस्थिरता भारतीय बाजार की दिशा को तय करने वाले प्रमुख कारक होंगे.

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रडार पर प्रमुख स्टॉक्स:

  • अडानी पोर्ट्स
  • टीसीएस
  • इंफोसिस
  • विप्रो
  • टेक महिंद्रा
  • सन फार्मा
  • डॉ. रेड्डीज
  • ल्यूपिन
  • टाइटन
  • कल्याण ज्वेलर्स
  • आईओसी (IOC)
  • बीपीसीएल / ओएनजीसी

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