इजरायल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत ईरान के विभिन्न ठिकानों पर हमला किया, जिसमें छह वैज्ञानिक और कई सैन्य कमांडर मारे गए. इसके जवाब में, ईरान ने इजरायल पर 150 से अधिक मिसाइलें दागीं और अपनी इस प्रतिक्रिया को ‘ट्रू प्रॉमिस थ्री’ नाम दिया. इस घटनाक्रम ने मध्य पूर्व में क्षेत्रीय तनाव को बढ़ा दिया है. इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा की, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने ईरान को परमाणु समझौते की चेतावनी दी. यह सब मिलकर मध्य पूर्व में अस्थिरता को और बढ़ा रहा है.

ईरान और इजरायल के बीच का संघर्ष अब और भी तीव्र हो गया है. इजरायल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत ईरान पर हमला करते हुए छह वैज्ञानिकों और कई प्रमुख सैन्य कमांडरों को मार गिराया है. इस हमले में अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है और 350 से अधिक लोग घायल हुए हैं. इजरायल ने ईरान के मुख्य परमाणु संयंत्र के ऊपरी हिस्से को भी नष्ट कर दिया है.

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इजरायल के हमले में ईरान के कई प्रमुख सैन्य अधिकारी मारे गए, जिनमें रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख हुसैन सलामी, ईरानी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी, सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी सहयोगी अली शामखानी और आईआरजीसी की एयरफोर्स के कमांडर आमिर अली हाजीजादेह शामिल हैं.

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा सुनिश्चित होने तक ऑपरेशन जारी रहेगा. इस गंभीर स्थिति में, उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की और मौजूदा हालात की जानकारी साझा की. इसी बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है कि यदि वह परमाणु समझौते पर सहमत नहीं होता, तो उसे और बड़े हमले का सामना करना पड़ सकता है.

ईरान ने शुक्रवार को इजरायली हमलों के जवाब में सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं. सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए के अनुसार, यह कार्रवाई इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु और सैन्य स्थलों पर किए गए गंभीर हमलों के प्रतिशोध में की गई है. ईरानी सेना ने इस अभियान को ‘सिवियर पनिशमेंट’ (गंभीर सजा) का नाम दिया है.

अमेरिकी सेना ईरान द्वारा इजरायल पर दागी गई मिसाइलों को रोकने में सहायता कर रही है, जैसा कि एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया. अधिकारी के अनुसार, अमेरिका इजरायल के निकट अपनी रक्षा प्रणालियों को तैनात कर रहा है ताकि मिसाइलों को रोकने में मदद मिल सके और क्षेत्र में अमेरिकी ठिकानों की सुरक्षा को बेहतर बनाया जा सके. हालांकि, अधिकारी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि अमेरिका ने किस प्रकार की सहायता प्रदान की है, लेकिन यह ज्ञात है कि अमेरिकी वायु सेना के लड़ाकू विमानों और विध्वंसक मिसाइल रक्षा प्रणाली ने पूर्व के हमलों के दौरान मिसाइलों को सफलतापूर्वक रोका है.

इजरायल ने शुक्रवार को ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर युद्धक विमानों और ड्रोन के माध्यम से गंभीर हमले किए, जिसका उद्देश्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को नष्ट करना और प्रमुख जनरलों तथा वैज्ञानिकों को निशाना बनाना था. इसके जवाब में, ईरान ने भी शुक्रवार को इजरायल की ओर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए के अनुसार, यह कार्रवाई इजरायल के हमलों के प्रतिशोध में की गई.

चीन ने इजरायल की कार्रवाई पर जताई आपत्ति

चीन ने इजरायल की सैन्य कार्रवाई की तीखी निंदा की है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र में उसके राजदूत फू कोंग ने कहा कि इजरायल ने ईरान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन किया है. उन्होंने इजरायल से आग्रह किया कि वह तुरंत ऐसे खतरनाक सैन्य अभियानों को समाप्त करे. चीन ने संघर्ष के बढ़ने का विरोध करते हुए इजरायल की कार्रवाइयों के संभावित गंभीर परिणामों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है.

जनता को शेल्टर में रहने के निर्देश

IDF की होम फ्रंट कमांड ने नागरिकों को निर्देश दिया है कि वे अपने बम शेल्टर में ही रहें और बाहर न निकलें. उत्तरी इजरायल के निवासियों को शेल्टर के पास रहने की अनुमति दी गई है, लेकिन उन्हें बाहर जाने से रोका गया है. कई उत्तरी क्षेत्रों में रॉकेट हमलों की चेतावनी के लिए सायरन बज रहे हैं.