सुप्रिया पाण्डेय, नई दिल्ली. श्रीलंका और पाकिस्तान से लगे हुए समुद्र में भारतीय मछुआरे कई दफा अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा पार कर जाते हैं, जिसे रोकने के लिए इसरो ने एक नया उपकरण बनाया है जो मछुआरों की नांव का पता लगाएगा और उन्हे संदेश देकर सावधान भी करेगा. इस मामले में समिति ने संसद में रिपोर्ट भी पेश की थी.
20 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले नांव पर स्वचालित पहचान प्रणाली लगी होती है, लेकिन 20 मीटर से कम ऊंचाई वाले नौकाओं का प्रयोग कुछ शरारती तत्वों के द्वारा किया जाता है और वो सीमा रेखा को पार कर जाते हैं. भारतीय नौसेना ने इसरो के साथ मिलकर एक नई पहल की है, जिसके तहत एक ट्रांसपाडर युक्त व्यवस्था तैयार की है, जो नांवों की स्थिति का पता लगाने में मदद कर सकती है और इस संबंध में संदेश भी पहुंचाएगी.
इस पहल से मौसम संबंधी गतिविधियों को लेकर भी मछुआरों को सतर्क किया जा सकता है. अधिकारियों ने गुजरात और तमिलनाडु में 500 मछुआरों की नौकाओं पर इसका प्रयोग किया है जो सफल भी हुआ. आपको बता दें कि हमारे देश में लगभग 2,46,000 नौकाएं हैं जो 20 मीटर से कम ऊंची हैं.