ISRO Launch Mission Spadex: इसरो (ISRO) आज रात श्री हरिकोटा अंतरिक्ष क्षेत्र से स्पेडेक्स (Spadex) मिशन की लॉन्चिंग करने जा रहा है. इसरो दो उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा. अगर इसरो इस मिशन में कामयाब हो जाता है तो भारत (India) एक और इतिहास रचते हुए अमेरिका (USA), रूस (Russia), चीन (China) के बाद ऐसा करने वाला दुनिया का दूसरा चौथा देश बन जाएगा. इन उपग्रहों की लॉन्चिंग पीएसएलवी-सी60 (PSLV-C60) रॉकेट से होगी. दोनों उपग्रहों का मकसद अंतरिक्ष में जोड़ने और अलग करने डॉकिंग और अनडॉकिंग (Docking-undocking) की तकनीक का परीक्षण करना है. इस मिशन में अंतरिक्ष में बुलेट की स्पीड से दस गुना ज्यादा तेजी से ट्रैवल कर रहे दो स्पेसक्राफ्ट (Spacecraft) को मिलाया जाएगा.
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अंतरिक्ष एजेंसी के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इसरो का रॉकेट ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी), दो उपग्रहों एसडीएक्स-एक और एसडीएक्स-दो को 476 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा में स्थापित करेगा. इसके बाद इन उपग्रहों के माध्यम से ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपरिमेंट'(स्पेडेक्स) जनवरी के पहले हफ्ते में होगी. एसडीएक्स01 और एसडीएक्स02 की डॉकिंग और अनडाॅकिंग करवाई जाएगी, जो लो-अर्थ ऑर्बिट में एक साथ जुड़ेंगे. इस मिशन का दूसरा उद्देश्य यह साबित करना है कि डॉक किए गए उपग्रहों के बीच बिजली का ट्रांसफर कैसे किया जा सकता है. ये तकनीक अंतरिक्ष में रोबोटिक्स, डॉकिंग से अलग होने के बाद समग्र अंतरिक्ष यान नियंत्रण और पेलोड संचालन के लिए आवश्यक है.
बता दें कि एसडीएक्स 01 उपग्रह हाई रेजोल्यूशन कैमरा (HRC) से लैस है. वहीं, एसडीएक्स02 में दो पेलोड मिनिएचर मल्टीस्पेक्ट्रल (MMX) पेलोड और रेडिएशन मॉनिटर (रेडमॉन) हैं. इसरो ने कहा कि ये पेलोड उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाली तस्वीरें, प्राकृतिक संसाधन निगरानी, वनस्पति अध्ययन और कक्षा में विकिरण पर्यावरण माप प्रदान करेंगे, जिनका आगे मिशन में प्रयोग किया जा सकता है.
इसरो के इस मिशन को लेकर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा,”यह मिशन भारत को उन देशों के समूह में शामिल करेगा, जो अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक को सफलतापूर्वक उपयोग में ला चुके हैं. यह मिशन भारत के भविष्य के प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे,जिसमें पृथ्वी पर चंद्रमा से चट्टानें और मिट्टी लाना, प्रस्तावित भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा की सतह पर एक अंतरिक्ष यात्री को उतारना शामिल है.
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अमेरिका ने किया था सबसे पहले परीक्षण
अंतरिक्ष में दो स्पेसक्राफ्ट की पहली डॉकिंग 16 मार्च, 1966 को जेमिनी VIII मिशन में पूरी की गई थी. जेमिनी VIII स्पेसक्राफ्ट एजेना टारगेट व्हीकल के साथ डॉक किया गया, जिसे उसी दिन पहले लॉन्च किया गया था. वहीं रूस ने पहली बार 30 अक्टूबर, 1967 को दो स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में डॉक किए थे. तब अनमैन्ड कोसमोस 186 और 188 ऑटोमैटिकली डॉक किए गए थे. इसके अलावा चीन की पहली स्पेस डॉकिंग 2 नवंबर, 2011 को हुई थी, जब बिना चालक दल वाले शेनझोउ 8 स्पेसक्राफ्ट ने तियांगोंग-1 स्पेस लैब मॉड्यूल के साथ सफलतापूर्वक डॉक किया था. डॉकिंग चीन के गांसु में जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर में हुई.
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