बेंगलुरु। भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन ‘गगनयान’ को लॉन्च करने की दिशा में इसरो ने एक और बड़ा कदम बढ़ा लिया है. इसरो ने गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (एसएमपीएस) पर दो और उष्मीय (हॉट) परीक्षण सफलतापूर्वक किया है. इस प्रोपल्शन सिस्टम का इस्तेमाल ‘गगनयान’ को लॉन्च करने के लिए किया जाएगा.

गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (एसएमपीएस) पर हॉट टेस्ट बुधवार को तमिलनाडु में इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स, महेंद्रगिरि में आयोजित किए गए. इसरो के अनुसार, गगनयान परियोजना में तीन सदस्यों के एक दल को तीन दिनों के मिशन के लिए 400 किमी की कक्षा में लॉन्च किया जाएगा और फिर उनको भारतीय समुद्री जल क्षेत्र में सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर उतारा जाएगा.

इसरो ने बताया कि ये परीक्षण प्रोपल्शन प्रणाली के प्रदर्शन को और अधिक मान्य और परिष्कृत करेंगे, जिससे आगामी गगनयान मिशन के लिए इसकी तैयारी सुनिश्चित होगी. बेंगलुरु मुख्यालय स्थित राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने एक बयान में कहा कि ये परीक्षण (26 जुलाई को किए गए) सर्विस मॉड्यूल सिस्टम डिमॉन्स्ट्रेशन मॉडल (एसएम-एसडीएम) चरण 2 परीक्षण श्रृंखला में दूसरे और तीसरे हॉट टेस्ट को के लिए किए गए थे. इससे पहले पहला हॉट टेस्ट 19 जुलाई को किया गया था.

इसरो ने कहा कि डी-बूस्टिंग आवश्यकताओं और ऑफ-नोमिनल मिशन परिदृश्यों को प्रदर्शित करने के लिए तीन और हॉट परीक्षण निर्धारित हैं. एसएमपीएस को बेंगलुरु और वलियामाला, तिरुवनंतपुरम में स्थित लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है.

इसरो ने कहा कि बुधवार के परीक्षणों के दौरान, थ्रस्टर्स को मिशन प्रोफाइल के अनुरूप, निरंतर और पल्स मोड दोनों में संचालित किया गया था. प्रारंभिक गर्म परीक्षण जो 723.6 सेकंड तक चला, ऑर्बिटल मॉड्यूल इंजेक्शन और 100 न्यूटन थ्रस्टर्स और लिक्विड अपोजी मोटर (एलएएम) इंजनों के कैलिब्रेशन बर्न को प्रदर्शित करने पर केंद्रित था.

किसी भी गैर-परिचालन इंजन की पहचान करने और उसे अलग करने के लिए अंशांकन बर्न आवश्यक था. एलएएम इंजन और प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (आरसीएस) थ्रस्टर्स ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया.