प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचारों में विपक्ष का सेलेक्टिक रवैया बहुत चिंताजनक है. मैं देश को बताना चाहता हूं कि बंगाल से आए वीडियो को देखा, जिसमें एक महिला को सड़क पर पीटा जा रहा है. वो महिला चीख रही है, लेकिन कोई मदद नहीं कर रहा है. ऐसा ही संदेशखाली में भी हुआ. इसके लिए यहां बैठे बड़े-बड़े दिग्गजों के मन की पीड़ा उनके शब्दों में भी नहीं झलक रही है. इससे बड़ी शर्मिंदगी की बात की क्या हो सकती है. जो खुद को महिलाओं का प्रगतिशील नेता मानते हैं, वो भी मुंह पर ताला लगाकर बैठ गए हैं, क्योंकि उनके संबंध किसी राजनीतिक दल हैं. इससे हमारी माता-बहनों को बहुत ज्यादा पीड़ा होती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर हमने देश की विकास यात्रा को रफ्तार देने की कोशिश की है. आजादी के बाद अनेक दशकों तक जिनको कभी पूछा नहीं गया, हमारी सरकार उनको पूछती तो है, पूजती भी है. उन्होंने कहा कि दिव्यांग भाई-बहनों के साथ उनकी कठिनाइयों को समझते हुए गरिमापूर्ण जीवन की दिशा में काम किया है. हमारे समाज में किसी न किसी कारण से एक उपेक्षित वर्ग ट्रांसजेंडर वर्ग है. हमारी सरकार ने ट्रांसजेंडर साथियों के लिए कानून बनाने का काम किया है. पश्चिम के लोगों को भी आश्चर्य होता है कि भारत इतना प्रोग्रेसिव है. पद्म अवॉर्ड में भी ट्रांसजेंडर को अवसर देने में हमारी सरकार आगे आई.

कांग्रेस की एससी-एसटी-ओबीसी विरोधी मानसिकता- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में स्पीकर चुनाव के मसले में भी दलित को आगे किया गया. पराजय तो थी, लेकिन बलि चढ़ाने के लिए एक दलित को आगे किया. उनको मालूम था कि वो पराजित होने वाले हैं, लेकिन उन्हीं को आगे किया. 2022 में उपराष्ट्रपति-राष्ट्रपति के चुनाव थे. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सुशील कुमार शिंदे को आगे किया और उनको भी हरवा दिया. 2017 में भी हार तय थी तो उन्होंने मीरा कुमार को आगे कर दिया. कांग्रेस की एससी-एसटी-ओबीसी विरोधी मानसिकता है. इसकी वजह से उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी का अपमान किया. इसी मानसिकता के चलते उन्होंने देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति का भी विरोध और अपमान किया.